Hindi News विदेश अमेरिका पेंटागन ने चीन को बताया अमेरिका के समक्ष सबसे प्रमुख सामरिक खतरा

पेंटागन ने चीन को बताया अमेरिका के समक्ष सबसे प्रमुख सामरिक खतरा

अमेरिका के सीनेटरों और कमांडर ने सीनेट के एक पैनल को बताया कि चीन अपनी अभूतपूर्व सैन्य निर्माण और दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाली अर्थव्यवस्था के साथ अमेरिका के समक्ष सबसे प्रमुख और दीर्घकालिक खतरा है।

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वॉशिंगटन: अमेरिका के सीनेटरों और कमांडर ने सीनेट के एक पैनल को बताया कि चीन अपनी अभूतपूर्व सैन्य निर्माण और दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाली अर्थव्यवस्था के साथ अमेरिका के समक्ष सबसे प्रमुख और दीर्घकालिक खतरा है। उन्होंने चीन से पैदा हो रही चुनौती का सामना करने के लिए एक तंत्र बनाए जाने की मांग करते हुए मंगलवार को यह बात कही। अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान के प्रमुख एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘चीन खुले हिंद प्रशांत और अमेरिका के लिए सबसे बड़ा दीर्घकालिक खतरा पैदा करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीजिंग नियम आधारित मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने, तोड़ने या झुकाने के लिए डर और आर्थिक दबाव का इस्तेमाल करके अपनी साम्यवादी समाजवादी विचारधारा का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है।’’ सीनेटरों ने भी डेविडसन के सुर में सुर मिलाया और अमेरिका सरकार से इस संबंध में मजबूत रुख अपनाने की अपील की।

सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के रैंकिंग सदस्य सीनेटर जैक रीड ने कहा, ‘‘चीन सबसे प्रमुख, दीर्घकालीन खतरा पैदा करता है जिसका अमेरिका कई वर्षों से सामना कर रहा है। चीन की बेल्ट एंड रोड पहल ने कई देशों, खासकर श्रीलंका और मलेशिया को चीन का ऋणी बना दिया है।’’

उन्होंने कहा कि बीजिंग सरकार अकसर उन भ्रष्ट स्थानीय सरकारों को निशाना बनाती है जो बढ़े ऋण से स्वयं लाभ कमाते हैं, लेकिन सरकारी कोष दिवालिया हो जाता है। वैश्विक स्तर पर चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए अमेरिका को अपने सहयोगियों पर आने वाले दशकों में भरोसा करना होगा।

डेविडसन ने सीनेटरों को बताया कि अमेरिका चीन के साथ आचार संहिता पर चर्चा करने में आसियान देशों की मदद कर रहा है। सीनेटर टिम कैने ने कहा कि चीन सामने से भले ही मित्रवत प्रतीत होता हो, वह सामने से भले ही संपत्तियां एवं संसाधन मुहैया कराने का प्रस्ताव रखे लेकिन उसकी शर्तें अत्यधिक ऋण के बोझ तले दबाने वाली होती हैं और श्रीलंका एवं अन्य देश तनाव में नजर आने लगे हैं।

सीनेटर डैन सुलिवन ने कहा कि 2015 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ रोज गार्डन में खड़े होकर कहा था कि चीन की दक्षिण चीन सागर में सैन्यीकरण की मंशा नहीं है, लेकिन कुछ ही महीनों पहले चीन के एक बड़े सरकारी समाचार पत्र ने कहा था कि चीन की सैन्य क्षमता बढ़ने के साथ ही दक्षिण चीन सागर पर उसका नियंत्रण भी बढ़ा है। शी ने अपने कहे पर अमल नहीं किया। डेविडसन ने इस बात पर सहमति जताई।

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