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पाकिस्तान: अदालत ने सरकार से कहा, हाफिज सईद को परेशान करना बंद करो

पाकिस्तान की अदालत ने सरकार से कहा कि वह हाफिज सईद को परेशान करना बंद करे और उसे उसका काम करने दे...

Lahore high court to Pakistan government, don't harass Hafiz Saeed | AP Photo- India TV Hindi Lahore high court to Pakistan government, don't harass Hafiz Saeed | AP Photo

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में लाहौर हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रतिबंधित जमात-उद-दावा प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का 'उत्पीड़न' न करे और उसे 'सामाजिक कल्याणकारी कार्य' जारी रखने की अनुमति दे। सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘हाई कोर्ट ने सईद के JuD और FIF को कानून के दायरे में काम करने की इजाजत दी लेकिन उसके समाज कल्याण गतिविधियों पर सरकारी रोक को नहीं हटाया।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने एक याचिका दायर की थी जिसके अनुसार पाकिस्तानी सरकार, भारत और अमेरिका के दबाव में आकर उसकी पार्टी की सामाजिक कल्याणकारी गतिविधियों में दखलंदाजी कर रही है। 

याचिका में कहा गया है कि किसी पार्टी या संगठन को समाज कल्याणकारी कार्य करने से वंचित करना संविधान के खिलाफ है। अधिवक्ता ए.के. डोगर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस अमीनुद्दीन खान ने प्रशासन को 23 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा है। सईद ने मार्च में इन्हीं जस्टिस के समक्ष डोगर के जरिए लगभग ऐसी ही याचिका दायर की थी। जस्टिस खान ने तब प्रांतीय और केंद्र सरकार को 27 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। समान तरह की याचिका होने के कारण अदालत ने दोनों मामलों को मिला दिया। गुरुवार को सईद के पक्ष की बहस सुनने के बाद जस्टिस खान ने एक बार फिर प्रांतीय और केंद्रीय सरकार को अपना-अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।

पाकिस्तान के प्रतिभूति व विनिमय आयोग ने एक जनवरी को जमात-उद-दावा सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित कई अन्य संगठनों पर देश में दान लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान की केंद्र सरकार ने आतंकवाद निरोधक कानून (ATA), 1997 में संशोधन करते हुए संशोधित आतंकवाद निरोधक कानून, 2018 लागू किया। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान में भी प्रतिबंधित रहेगा। इसी सप्ताह, अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक धड़े मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) के साथ-साथ एक अन्य संगठन तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था।

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