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करतारपुर कॉरिडोर पैनल में खालिस्तानियों को शामिल करने पर भारत ने रोकी बात, अब PAK ने दिया यह बयान

पाकिस्तान ने करतारपुर को लेकर आगामी बैठक का समय उपयुक्त वक्त पर फिर से तय करने के भारत के फैसले को समझ से परे बताया है।

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने करतारपुर को लेकर आगामी बैठक का समय उपयुक्त वक्त पर फिर से तय करने के भारत के फैसले को समझ से परे बताया है। भारत ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया और करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान द्वारा गठित समिति में कुछ खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी पर चिंता प्रकट की। सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ के मुताबिक, पाकिस्तानी मंत्रिमंडल ने करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने के बाद सिख श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 10 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) का गठन किया है। हालांकि, उसने कमेटी के सदस्यों का नाम नहीं बताया है।

विदेश कार्यालय ने यहां कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पर तकनीकी विशेषज्ञों की अगली बैठक पूर्व में दो अप्रैल को सीमा के पाकिस्तान वाले हिस्से में वाघा में होने वाली थी और 14 मार्च को दोनों तरफ से इस पर रजामंदी व्यक्त की गई थी। शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय से एक बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि लंबित मुद्दों पर चर्चा और सहमति के लिए बैठक होने वाली थी। फैसल ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान की राय जाने बिना, खासकर 19 मार्च को सार्थक तकनीकी बैठक के बाद अंतिम समय पर बैठक टालना समझ से परे है।

फैसल के इस बयान के पहले भारत ने कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर के तौर-तरीकों पर चर्चा के लिए अटारी में पिछली बैठक में भारत द्वारा आगे बढ़ाए गए मुख्य प्रस्तावों पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा गया है। भारत में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने पाकिस्तान को अवगत करा दिया है कि पाकिस्तान का जवाब मिलने के बाद कॉरिडोर के तौर-तरीकों पर अगली बैठक तय की जा सकती है।

बता दें कि भारत ने शुक्रवार को यहां पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया और करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में कई खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी पर चिंता व्यक्त की। भारत ने पाकिस्तानी उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह से यह भी कहा कि वह करतारपुर साहिब गलियारे पर तौर तरीकों के बारे में चर्चा के लिए अटारी में हुई पिछली बैठक में नयी दिल्ली द्वारा पेश किए गए अहम प्रस्तावों पर अपने देश का रुख स्पष्ट करें।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने पाकिस्तानी पक्ष को यह संदेश पहुंचा दिया है कि पाकिस्तान का जवाब मिलने के बाद किसी उचित समय पर गलियारे से जुड़े मामलों पर आगामी बैठक तय की जा सकती है। अगले दौर की वार्ता वाघा सीमा पर दो अप्रैल को निर्धारित थी।

बयान में कहा गया है कि गलियारे के लिए ढांचागत विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए भारत ने मध्य-अप्रैल में तकनीकी विशेषज्ञों की एक और बैठक करने का प्रस्ताव रखा है ताकि ‘‘जीरो प्वाइंट’’ पर शेष मामलों को सुलझाया जा सके। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार गलियारे के माध्यम से सुरक्षित एवं आसान तरीके से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने की भारतीय तीर्थयात्रियों की पुरानी मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि यदि तीर्थयात्री इच्छुक हों, तो वह उन्हें पैदल यात्रा करने की अनुमति दे। उसने यह भी अनुरोध किया कि वैशाखी और गुरुपर्व जैसे उत्सवों पर अन्य 10,000 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति दी जाए।

भारत और पाकिस्तान पिछले साल नवंबर में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने को सहमत हुए थे। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी ने करतारपुर में अंतिम समय बिताया था। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है। रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किलोमीटर है।

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