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ईरान: हिजाब को लेकर पुलिस ने महिला से की मारपीट, भारी विवाद

28 साल की अफरोज ने सजा के डर से पूरा नाम ना बताते हुए कहा,‘मैं वह इंसान थी जो हमेशा नमाज अदा करती थी और अल्लाह में पूरा भरोसा करती थी। मैं खाने से पहले हमेशा उसका आभार जताती थी। लेकिन अब मेरा इन चीजों में बिलकुल भरोसा नहीं है।’...

Iran police's assault on woman over hijab stirs debate | YouTube Grab- India TV Hindi Iran police's assault on woman over hijab stirs debate | YouTube Grab

तेहरान: ईरान में सिर पर सही से हिजाब ना पहनने के लिए धार्मिक मान्यताओं की पहरेदारी करने वाली महिला पुलिस अधिकारियों के एक युवती को पीटने का वीडियो सामने आने के बाद देश में महिलाओं के हिजाब पहनने की जरूरत को लेकर एक सार्वजनिक बहस शुरू हो गई है। जहां घटना को लेकर हर श्रेणी के अधिकारी और राष्ट्रपति हसन रूहानी तक बहस में शामिल हो गए हैं, वहीं ईरान की महिलाएं ना केवल सड़कों पर हिजाब पहनने के नियम बल्कि धर्मशासित शिया बहुल देश में अपनी आस्था पर भी सवाल खड़े कर रही हैं। 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले हिजाब देश में एक राजनीतिक एवं धार्मिक प्रतीक दोनों था।

28 साल की अफरोज ने सजा के डर से पूरा नाम ना बताते हुए कहा,‘मैं वह इंसान थी जो हमेशा नमाज अदा करती थी और अल्लाह में पूरा भरोसा करती थी। मैं खाने से पहले हमेशा उसका आभार जताती थी। लेकिन अब मेरा इन चीजों में बिलकुल भरोसा नहीं है।’ वीडियो पिछले हफ्ते सामने आया था और कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह तेहरान का है, हालांकि वीडियो में ऐसा कुछ नहीं है जिससे पता चले कि यह तेहरान में बनाया गया। वीडियो में एक युवती दिख रही है जिसने लाल रंग का हिजाब पहन रखा है। लेकिन हिजाब के बावजूद उसके सिर के बाल साफ साफ दिख रहे हैं। वह 3 महिला पुलिसकर्मियों से घिरी है जो उसे पकड़ लेती है।


एक पुलिसकर्मी उसका गला पकड़ लेती है जिसके बाद युवती चिल्लाती है। फिर वे उसके पैर खींचती हैं जिससे वह जमीन पर गिर जाती है और रोने लगती है। तब दूसरी महिलाएं उसे ढांढस बंधाती है लेकिन पुलिसकर्मी उसे फिर से पकड़ लेती हैं। युवती चिल्लाकर कहती है, ‘आप मुझे क्यों मार रही हैं? आप हमें 30 सालों से बर्बाद करती आ रही हैं।’ वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देश के गृह मंत्री अब्दुलरजा रहमानी फाजली ने गुरूवार को अधिकारियों को घटना की जांच के आदेश दिए। इससे पहले महिला मामलों की शीर्ष पदाधिकारी मसुमेह इब्तेकार ने भी पुलिस से ‘हिंसक’ तरीके से निपटने की निंदा की।

सुधारवादी सांसद ताब्येह सियावोशी ने शनिवार को कहा कि वीडियो में दिख रही महिला पुलिसकर्मियों को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘यह सब थोपने से हमारा कुछ नहीं होगा।’ राष्ट्रपति रूहानी ने भी शनिवार को पुलिस की आलोचना की और कहा कि पुलिस बल को ‘अच्छी चीजों को बढ़ावा देने एवं बुराई को रोकने का अधिकार दिया गया है। गुणों को बढ़ावा देने के लिए लोगों की कॉलर पकड़ना सही नहीं है।’

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