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Hindi News विदेश एशिया ईरान ने कहा, परमाणु समझौता बचाने के लिए यूरोप को ‘कीमत’ चुकानी ही होगी

ईरान ने कहा, परमाणु समझौता बचाने के लिए यूरोप को ‘कीमत’ चुकानी ही होगी

जरीफ ने कहा कि यूरोप की सरकारों ने नवंबर में अमेरिकी प्रतिबंधों के दूसरे चरण के बाद ईरान के साथ तेल और बैंकिंग संबंध कायम करने के प्रस्ताव रखे थे।

Iran Foreign Minister Mohammad Javad Zarif | AP- India TV Hindi Iran Foreign Minister Mohammad Javad Zarif | AP

तेहरान: ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनातनी ने विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ खींच लेने के बाद से ही इन दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बीच ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने रविवार को कहा कि यूरोप ने अभी तक यह नहीं दिखाया है कि परमाणु समझौता बचाने के लिए वह अमेरिका को नजरअंदाज करने की ‘कीमत चुकाने का’ इच्छुक है।

जरीफ ने कहा कि यूरोप की सरकारों ने नवंबर में अमेरिकी प्रतिबंधों के दूसरे चरण के बाद ईरान के साथ तेल और बैंकिंग संबंध कायम करने के प्रस्ताव रखे थे। उन्होंने ईरान की ‘यंग जर्नलिस्ट क्लब’ वेबसाइट से कहा कि यह पहल ‘व्यावहारिक उपायों के बजाए उनके रुख का बयान ज्यादा प्रतीत होता था।’ जरीफ ने कहा, ‘वे आगे बढ़ चुके हैं लेकिन हमारा मानना है कि यूरोप अभी तक (अमेरिका का वास्तव में विरोध करने का) मूल्य चुकाने के लिए तैयार नहीं है।’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में हुए परमाणु समझौतों से मई में हाथ खींच लिए थे। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में फिर से प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं जो दूसरे देशों को ईरान के साथ व्यापार करने से रोकता है। वहीं, ईरान ने भी कई मौकों पर अमेरिकी नेताओं द्वारा दिए गए बयानों का कड़ा जवाब दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच हालिया दिनों में संबंध बद से बदतर ही हुए हैं।

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