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UN के सीनियर अफसर ने कहा, रोहिंग्याओं के लिए अभी भी सुरक्षित नहीं है म्यांमार

बांग्लादेश और म्यांमार के बीच रोहिंग्या शरणार्थियों की वतन वापसी पर भले ही समझौता हो गया हो, लेकिन...

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कुटुपलोंग: बांग्लादेश और म्यांमार के बीच रोहिंग्या शरणार्थियों की वतन वापसी पर भले ही समझौता हो गया हो, लेकिन संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि रखाइन प्रांत में अभी भी सबकुछ सही नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले अब भी जारी हैं और बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रहे लाखों लोगों के लिए घर लौटना अभी सुरक्षित नहीं है। यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक जस्टिन फोर्सिथ ने बुधवार को ये बातें कहीं हैं। 

उन्होंने कुटुपलोंग शरणार्थी शिविर के दौरे के दौरान कहा था कि कई रोहिंग्या अंतत: म्यांमार में अपने गांवों को लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अभी लौटना पड़े तो उन्हें अपनी सुरक्षा का डर लगता है। उन्होंने कहा, ‘लौटने के लिए स्थिति सुरक्षित नहीं है। मैंने एक युवती से बात की जो फोन पर रखाइन में अपनी रिश्तेदार से बात कर रही थी। वहां आज भी गांवों पर हमले हो रहे हैं।’ फोर्सिथ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब न्यू मेक्सिको प्रांत के पूर्व गवर्नर बिल रिचर्डसन ने इस संकट पर बने एक परामर्श पैनल से अचानक इस्तीफा दे दिया था। 

आपको बता दें कि रिचर्डसन ने इस पैनल को म्यांमार नेता आंग सान सू की को बढ़ावा देने और संकट पर पर्दा डालने का काम करने वाला बताया था। म्यांमार और बांग्लादेश द्वारा हस्ताक्षर किए गए समझौते के तहत रोहिंग्या को धीरे-धीरे वापस देश भेजने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होने वाली थी लेकिन बांग्लादेशी अधिकारियों ने आखिर समय में इस प्रक्रिया को रोक दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और शरणार्थियों के स्वेच्छा से लौटने पर उठ रहे प्रश्नों के मद्देनजर इस प्रक्रिया के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए।

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