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Hindi News विदेश एशिया अफगानिस्तान: 10 साल तक लड़का बनकर रही यह अफगान लड़की, वजह जानकर चौंक जाएंगे

अफगानिस्तान: 10 साल तक लड़का बनकर रही यह अफगान लड़की, वजह जानकर चौंक जाएंगे

सितारा वफादार नाम की एक अफगान लड़की को उसके परिवार ने एक दशक से अधिक समय तक लड़के के वेश में रखा...

सितारा वफादार/यूट्यूब- India TV Hindi सितारा वफादार/यूट्यूब

सुल्तानपुर: सितारा वफादार नाम की एक अफगान लड़की को उसके परिवार ने एक दशक से अधिक समय तक लड़के के वेश में रखा। दरअसल, उसका कोई भाई नहीं है, जिसके चलते उसके माता-पिता ने उसे बेटे के वेश में रहने के लिए मजबूर किया। सितारा की 5 बहनें हैं और कोई भाई नहीं है। उसे अफगानिस्तान की ‘बाशा पोशी’ परंपरा का पालन कराया गया, जिसके तहत किसी लड़की को लड़के के वेश में रखा जाता है जो पितृ प्रधान समाज वाले देश में परिवार में बेटे की भूमिका निभाती है।

अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नांगरहार स्थित एक गांव में फूंस के एक घर में रहने वाली 18 वर्षीय सितारा ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं एक लड़की हूं।’ वह और उसके पिता एक ईंट भट्ठे पर सप्ताह में 6 दिन बंधुआ मजदूर के रूप में काम करते हैं ताकि परिवार का गुजारा हो सके। उसने कहा, ‘मेरे पिता हमेशा कहते हैं कि सितारा मेरे बड़े बेटे की तरह है। कभी-कभी मैं उनके बड़े बेटे का फर्ज निभाते हुए अंत्येष्टि कार्यक्रमों में भी जाती हूं।’ हालांकि, ज्यादातर लड़कियां टीनेज में पहुंचने पर लड़के की वेश-भूषा रखना बंद कर देती हैं। जबकि कुछ लड़कियां लड़कों की तरह ही आजाद रहने के लिए ऐसा करना जारी रखती हैं।

सितारा ने कहा कि उसने किशोरावस्था में पहुंचने के बाद भी पुरुषों जैसे वस्त्र पहनने जारी रखे, ताकि ईंट भट्ठे पर खुद की हिफाजत कर सके। वह एक दिन में करीब 500 ईंट बनाती है जिसके बदले उसे करीब दो डॉलर मिलते हैं। काबुल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्राध्यापक बरयालई फितरत ने बताया कि बाशा पोशी परंपरा का पालन मुख्य रूप से अफगानिस्तान के पुरातनपंथी क्षेत्रों में किया जाता है।

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