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हर महीने एक करोड़ ट्रेन टिकटों की कैश बुकिंग, डिजिटल पेमेंट से बच रहे लोग

डिजिटल पेमेंट के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही केंद्र सरकार की योजना के विपरीत रेलवे में अभी-भी हर महीने एक करोड़ ट्रेन टिकटों की बुकिंग कैश में हो रही है। साथ ही भारत में आधे से ज्यादा ट्रेन टिकटों की बुकिंग कैश पेमेंट के जरिए हो रही है।

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नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही केंद्र सरकार की योजना के विपरीत रेलवे में अभी-भी हर महीने एक करोड़ ट्रेन टिकटों की बुकिंग कैश में हो रही है। साथ ही भारत में आधे से ज्यादा ट्रेन टिकटों की बुकिंग कैश पेमेंट के जरिए हो रही है। रेलयात्री डॉट इन द्वारा किए गए इस सर्वे में ये बातें सामने आईं। यह सर्वे देशभर में ग्राहकों और बुकिंग एजेंट्स पर किया गया है। सर्वे में इसकी मुख्य वजह डिस-इनसेंटिव ईकोसिस्‍टम को बताया गया है जो कैश लेन-देन को बढ़ावा देता है। सर्वे में कहा गया है कि अधिकृत टिकट बुकिंग एजेंट्स के जरिये आरक्षित ट्रेन टिकटों की खरीदी की जाती है, जिनका कुल आरक्षित टिकटों की बिक्री में आधा हिस्‍सा है।

सर्वे के परिणाम में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तत्काल प्रभाव से सुधार किए जाने की जरूरत है और इस पर भारत के पीएम ने खासतौर पर जोर दिया है। सर्वे के मुताबिक ट्रेन टिकट खरीदने के लिए आस-पड़ोस का टिकट एजेंट अभी भी पसंदीदा विकल्प है। एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के 65 हजार लघु व्यवसाय देशभर हर गली-नुक्कड़ पर स्थित हैं।

रेलयात्री डॉट इन के सह-संस्‍थापक और सीईओ मनीष राठी का कहना है कि भारत में ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग प्रबंधित सेवाओं पर निर्भर करता है, खासतौर से तब जब वे बहुत अधिक जरूरतमंद होते हैं और आपूर्ति-मांग में भारी अंतर हो। सर्वे में यह पाया गया कि बड़ी संख्या में एजेंट्स के पास डिजिटल भुगतान स्वीकार करने का साधन मौजूद होता है, बावजूद इसके वे लगभग 100 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग कैश में ही करते हैं।