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Hindi News खेल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले पहले मुसलमान क्रिकेटर उस्मान ख़्वाजा बोले ''मैं जब भी स्कोर करता था वे गालियां देते थे''

ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले पहले मुसलमान क्रिकेटर उस्मान ख़्वाजा बोले ''मैं जब भी स्कोर करता था वे गालियां देते थे''

ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर उस्मान ख़्वाजा ने एक सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि ऑस्ट्रेलिया में रंगभेद-नस्लभेद की वजह से कई सालों तक एशियाई मूल के लोगों को केलने का मौक़ा नहीं मिला.

Usman Khwaja- India TV Hindi Usman Khwaja

ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर उस्मान ख़्वाजा ने एक सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि ऑस्ट्रेलिया में रंगभेद-नस्लभेद की वजह से कई सालों तक एशियाई मूल के लोगों को केलने का मौक़ा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि इसी वजह से उनके जैसे लोग ऑस्ट्रेलिया टीम का समर्थन नहीं करते थे.

30 साल के ख़्वाजा अगले महीने शुरु हो रही ऐशेज़ सिरीज़ में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से नंबर तीन पर बैटिंग करेंगे. ख़्वाजा ने बताया कि सिडनी में वे जब बढ़े हो रहे थे तब वह और एशिया मूल के बच्चे अपनी टीम की बजाय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आने वाली टीमों का समर्थन करते थे.

ख़्वाजा ने कहा, 'इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि क्यों ऑस्ट्रेलिया टीम में ग़ैर गोरों के लिए आने में इतना समय लगा. इसमें कोई शक़ नही कि सिलेक्शन में नस्लवाद और राजनीति की भूमिका होती थी. मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत पहले खेल चुका होता लेकिन मेरा सिलेक्शन इसलिए नहीं हुआ क्योंकि मैं अश्वेत/भारतीय/पाकिस्तानी था. इसीलिए मैंने खेलना छोड़ दिया था."

डेलीमेल के अनुसार ख़्वाजा ने एक ब्लॉग में लिखा, 'बचपन में जो कुछ हमारे चारों तरफ हो रहा था उसकी वजह से हम ऑस्ट्रेलिया टीम से नफरत करते थे. मुझे बचपन से दूसरों की इज़्ज़त करना और शालीन रहना सिखाया गया था लेकिन जब मैंने ऑस्ट्रेलिया टीम देखी तो पाया कि वे नकचढ़े लगभग जानवर की तरह थे. ये वही लोग थे जो बचपन में मुझे मेरी विरासत के लिए गालियां देते थे.'

पाकिस्तान में पैदा हुए ख़्वाजा पहले मुसलमान हैं जिन्होंने 2011 में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया था. उनका परिवार 1991 में ऑस्ट्रेलिया आ गया था. तब वह चार साल के थे.

उन्होंने कहा 'विरोधी टीम के खिलाड़ियों और उनके परिजनों का गाली देना आम बात थी. मैं जब भी स्कोर करता था तब गालियां देते थे. यही वजह है कि मैं और मेरे ज़्यादातर दोस्त ऑस्ट्रेलिया के बजाय वेस्ट इंडीज़, पाकिस्तान, भारत या फिर श्रीलंका का समर्थन करते थे.'

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