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Hindi News खेल क्रिकेट टेस्ट सीरीज से पहले भारत के लिए आई अच्छी खबर, हर मैच का हिस्सा नहीं होंगे एंडरसन और ब्रॉड

टेस्ट सीरीज से पहले भारत के लिए आई अच्छी खबर, हर मैच का हिस्सा नहीं होंगे एंडरसन और ब्रॉड

इंग्लैंड के तेज गेंदबाद स्टुअर्ट ब्रॉड ने अपने बयान में कहा है कि इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट तेज गेंदबाजों के लिए रोटेशन पॉलिसी अपना सकता है।

<p>इंग्लैंड टीम...- India TV Hindi इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट तेज गेंदबाजों के लिए रोटेशन पॉलिसी अपना सकता है। Photo: Getty Images

इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा है कि भारत के खिलाफ एक अगस्त से शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्हें और जेम्स एंडरसन को रोटेट किया जाएगा ताकि सीरीज के दौरान वो अपनी फिटनेस और थकान पर काबू रख सकें। ब्रॉड ने कहा, ‘‘ये टॉस, पिचों और कार्यभार पर निर्भर करेगा। यदि 250 ओवरों के दो टेस्ट हो गए तो ये सोचना मुश्किल है कि सभी तेज गेंदबाज छह सप्ताह में पांचों टेस्ट खेलेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब पिच सपाट हो और स्पिनर काफी काम कर रहे हों तो आपको इतनी गेंदबाजी नहीं करनी पड़ती। लेकिन जब गेंद रिवर्स स्विंग ले रही हो और पिच हरी भरी हो तो कई बार आपका काम कई गुना बढ़ जाता है।’’ उन्होंने ये भी कहा कि टीम प्रबंधन पहले ही सूचित कर चुका है कि तेज गेंदबाजों का रोटेशन किया जाएगा। ब्रॉड ने कहा, ‘‘पहले ही इस पर चर्चा हो चुकी है कि किसी टेस्ट मैच से बाहर रहना पड़े तो दुखी होने की जरूरत नहीं है। ये कोई निजी हमला या बाहर करना नहीं है बल्कि प्रबंधन ये सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी को बराबर मौका मिले।’’ (Also Read: विराट कोहली को लेकर कोच रवि शास्त्री का बड़ा बयान, बताया इंग्लैंड में क्या करेंगे कोहली?)

उन्होंने कहा कि वो कभी खराब फॉर्म की वजह से बाहर नहीं होना चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे मुकाम पर नहीं पहुंचना चाहता जब मुझसे कहा जाए कि वापस लौटकर काउंटी क्रिकेट खेलो। आपके बाहर होने पर नए गेंदबाज आते हैं। आप टीम में रहते हैं तो ईकाई का हिस्सा रहते हैं। पांच टेस्ट मैचों में बदलाव तो किए जाएंगे लेकिन हम इसे समझते हैं।’’

आपको बता दें कि भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 1 अगस्त से शुरू हो रही है। इस सीरीज को भारत के लिए कई लिहाज से अहम माना जा रहा है। भारतीय टीम आखिरी इंग्लैंड दौरे पर बुरी तरह हार गई थी और टीम को 3-1 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा विराट कोहली भी उस सीरीज में 13 की औसत से ही रन बना पाए थे। ऐसे में भारतीय टीम के लिए इस बार खुद को साबित करना ही होगा।

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