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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश : बिना उचित अनुमति के बने हैं सुपरटेक के एमेराल्‍ड टावर तो ढहा दिए जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक की 40 मंजिला दो आवासीय इमारतें एमेराल्ड टावर्स यदि बिना उचित मंजूरी के बनाई गईं हैं तो इन्हें ढहा दिया जाएगा।

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक की 40 मंजिला दो आवासीय इमारतें एमेराल्ड टावर्स यदि बिना उचित मंजूरी के बनाई गईं हैं तो इन्हें ढहा दिया जाएगा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और एए खानविल्कर की पीठ ने कहा, ये इमारतें, यदि बिना उचित मंजूरी लिये बनाईं गई हैं तो इन्हें ढहा दिया जायेगा।

तीन माह के भीतर ग्राहकों को पैसे लौटाने का दिया आदेश

शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 11 अप्रैल 2014 को दिए गए फैसले के खिलाफ सुनवाई कर रही थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 40 मंजिले दोनों आवासीय टॉवर को गिराने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने नोएडा में बनाए जा रहे दोनों टॉवर -एपेक्स और सियाने- में घर खरीदने वालों को उनका पैसा तीन माह के भीतर 14 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया।

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सुपरटेक के इन टॉवरों में कुल मिलाकर 857 अपार्टमेंट हैं जिनमें से 600 बिक चुके हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यदि खरीदार परियोजना से बाहर निकलना चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा है कि जो निवेशक प्रोजेक्‍ट के साथ बने रहना चाहते हैं वह ऐसा कर सकते हैं क्योंकि बिल्डर कंपनी ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।

सुपरटेक के वकील ने कहा, कंपनी 4 हफ्ते में लौटाएगी ग्राहकों के पैसे

नोएडा प्राधिकरण की ओर से अदालत में पेश हुये वकील ने पीठ से कहा कि इमारत के लिए मंजूरी योजना प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुरूप है और इस संबंध में वह उच्च न्यायालय के फैसले संतुष्ट नहीं है। इस दौरान कुछ खरीदारों का कहना था कि शीर्ष अदालत के निर्देश के बावजूद उन्हें बिल्डर कंपनी ने पैसा नहीं लौटाया है।

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डेवलपर की ओर से पेश वकील ने इस तरह के दावों का प्रतिकार करते हुए कहा कि कंपनी ने अपना पैसा वापस लेने वाले खरीदारों को पैसा लौटाया है। वकील ने कहा कि यदि कोई खरीदार अपना पैसा वापस लेने के लिये आवेदन करता है तो उसे चार सप्ताह के भीतर उनकी मूल राशि लौटा दी जायेगी।

सुपरटेक ने शीर्ष अदालत के निर्देश मानते हुए जमा कराए 5 करोड़

इस दौरान अदालत ने इस बात पर भी गौर किया कि उसके पहले के निर्देश के अनुसार बिल्डर ने पांच करोड़ रुपए जमा करा दिये हैं। शीर्ष अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 9 अगस्त की तिथि तय की है।

न्यायालय ने इससे पहले नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन (NBCC) से सुपरटेक के एमेराल्ड टावर्स की जांच करने और यह देखने को कहा कि क्या दोनों 40 मंजिला इमारतें मंजूरी प्राप्त योजना का उल्लंघन कर बनाई गई हैं। अदालत ने NBCC से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था। अदालत ने इससे पहले 16 फरवरी को सुपरटेक को अपना धन वापस चाहने वाले फ्लैट खरीदारों को उनका पैसा लौटाने को भी कहा था।

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