A
Hindi News पैसा मेरा पैसा Step by Step Guide : दुर्घटना होने पर थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम करने का यह है आसान तरीका

Step by Step Guide : दुर्घटना होने पर थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम करने का यह है आसान तरीका

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस मोटर वाहन अधिनियम के तहत अनिवार्य है। इसकी आवश्‍यकता वहां होती है जब अनजाने में सड़क पर आप की वजह से कोई अनहोनी होती है।

Step by Step Guide : दुर्घटना होने पर थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम करने का यह है आसान तरीका- India TV Paisa Step by Step Guide : दुर्घटना होने पर थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम करने का यह है आसान तरीका

नई दिल्‍ली। भारत में कोई भी वाहन बिना थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के सड़कों पर नहीं चल सकती। अगर, बिना इंश्‍योरेंस के कोई भी वाहन सड़क पर चलता है तो यह अवैध है। आए दिन सुनने में आता है कि बस ने कार में टक्‍कर मार दी या मोटरसाइकिल सवार को कोई कार वाला कुचल गया। कई बार वाहन चालक पकड़ में आता है और कई बार उसका पता वाहन के नंबर से लगाया जाता है। दुर्घटना से चोट लगने या मृत्यु की स्थिति में थर्ड-पार्टी कवर की लिमिट नहीं बताई गई है। रकम पर कोर्ट के फैसला करने के बाद पूरा मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी देती है। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आपके हाथों, ऊपर वाला न करें लेकिन अगर दुर्घटना हो जाती है तो आपको क्‍या कदम उठाने चाहिए।

यह भी पढ़ें : राहत की बात : थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस प्रीमियम हुआ सस्‍ता, IRDAI ने की बढ़ी दरों में कटौती

क्‍या है थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस?

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस मोटर वाहन अधिनियम के तहत अनिवार्य है। थर्ड पार्टी बीमा की आवश्‍यकता वहां होती है जब अनजाने में सड़क पर आप की वजह से कोई अनहोनी होती है। यह आपके वित्तीय बोझ को कम करता है। तीसरे पक्ष के दावे के मामले में पार्टी तय करने के लिए एक विशेष अदालत, मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल (MACT) स्थापित किया गया है जो दावों से संबंधित निर्णय की घोषणा करता है।

थर्ड पार्टी क्‍लेम का रजिस्‍ट्रेशन

थर्ड पार्टी क्‍लेम मोटर बीमा के मामले में दावों का सबसे सामान्य प्रकार होता है। थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के निपटान मेँ MACT के साथ कानूनी प्रक्रिया शामिल है।  इसलिए पुलिस को सूचित करने और प्राथमिकी दर्ज कराने की जरूरत होती है। अगर आप वाहन के मालिक हैं तो तत्‍काल आपको नुकसान के बारे में अपनी बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए। ऐसा करने के अलावा,  थर्ड पार्टी क्‍लेम के मामले में कुछ दस्तावेज भी जरूरी होते है जैसे :

  • बीमित व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किया गया क्‍लेम फॉर्म
  • ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, पालिसी और FIR की कॉपी
  • वाहन की आरसी की कॉपी
  • आवश्यक स्‍टांप यदि कंपनी के पंजीकृत वाहन के मूल दस्तावेज के मामले में
  • कॉमर्शियल वाहन के मामले में परमिट और फिटनेस, जहां लागू होता हो

थर्ड पार्टी क्‍लेम की जल्‍द प्रोसेसिंग के लिए करें ये उपाए

  • दुर्घटना स्थल से वाहन हटाने से पहले तुरंत दुर्घटना और उसकी वजह से हुए नुकसान की एक तस्वीर ले लें। क्‍लेम फॉर्म में विस्तार से और सही ढंग से घटना का वर्णन किया जाना चाहिए।
  • सुनिश्चित करें कि घायल को नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाए। अगर अस्पताल को भुगतान करना है तो बीमा कंपनी को तत्‍काल सूचित करें।

थर्ड पार्टी क्‍लेम के रजिस्‍ट्रेशन की समय-सीमा

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम का जल्द से जल्द दर्ज किया जाना महत्वपूर्ण है। इसके लिए कोई लिखित नियम नहीं है, फिर भी दुर्घटना के 24 से 48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना जरूरी है।

यह भी पढ़ें : खास तौर से महिलाओं के लिए डिजाइन किए गए हैं ये बीमा प्रोडक्‍ट, जरूरत के अनुरूप उठाएं

परेशानी से बचने के लिए उठाएं ये कदम

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के दावों के शीघ्र निपटान मेँ प्रमुख बाधा जागरूकता की कमी है। वाहन वाले किसी भी व्‍यक्ति को परेशानी से बचने के लिए कुछ अहम बातोँ की जानकारी होनी चाहिए। सही समय पर सही व्यक्ति से मिलना महत्वपूर्ण है। अगर आपके दस्तावेज सही हैं, तो आप सीधे बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। आपको अपना पूरा और संपर्क की सही जानकारी देनी चाहिए।

गौर करने वाली बात यह है कि थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के मामले सामने आते ही बिचौलिए या दलाल सक्रिय हो जाते हैं। आपको इन से बचना चाहिए। ये बिचौलिए आपको आकर्षक मुआवजा राशि की पेशकश कर सकते हैं,  लेकिन आप आंखें बंद कर इन पर विश्वास न करें। इसके बजाय,  आप अपनी बीमा कंपनी के साथ इस बारे में बात करें।

अगर आपका मामला अदालत में लंबित है, तब भी आपको लिए बेहतर होगा कि आप लगातार अपनी बीमा कंपनी के संपर्क में रहें। नियमित रूप से संपर्क मेँ रहने से आपको अपने दावे की स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी मिलती रहेगी। कई बार, खुद की भागीदारी की कमी के कारण अदालत से दावा राशि के संग्रह की प्रक्रिया में देरी हो सकती है। अदालत से अपने पक्ष में पैसे की समय पर वसूली सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

Latest Business News