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Hindi News पैसा बाजार सरकार NTPC में आज OFS के जरिए करेगी विनिवेश, 10% हिस्सेदारी बेचकर 13,800 करोड़ रुपए जुटाने की है योजना

सरकार NTPC में आज OFS के जरिए करेगी विनिवेश, 10% हिस्सेदारी बेचकर 13,800 करोड़ रुपए जुटाने की है योजना

अपनी विनिवेश योजना के तहत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी NTPC में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी आज बेचकर 13,800 करोड़ रुपए जुटाएगी।

सरकार NTPC में आज OFS के जरिए करेगी विनिवेश, 10% हिस्सेदारी बेचकर 13,800 करोड़ रुपए जुटाने की है योजना- India TV Paisa सरकार NTPC में आज OFS के जरिए करेगी विनिवेश, 10% हिस्सेदारी बेचकर 13,800 करोड़ रुपए जुटाने की है योजना

नई दिल्‍ली। अपनी विनिवेश योजना के तहत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी NTPC में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी आज बेचकर 13,800 करोड़ रुपए जुटाएगी। यह सौदा ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए होगा। दो दिन तक चलने वाले इस OFS में 41.2 करोड़ शेयरों (5% हिस्सेदारी) की पेशकश की जाएगी, वहीं अतिरिक्त 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का ऑप्‍शन भी इसमें शामिल है। अगर यह OFS सफल रहा तो सरकार की ओर से किया गया यह अब तक का तीसरा सबसे बड़ा विनिवेश होगा।

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इससे पहले 2014-15 में कोल इंडिया का 22,500 करोड़ रुपए का सबसे बड़ा OFS आया था। कोल इंडिया को 15,200 करोड़ रुपए का IPO 2010 में आया था। NTPC के शेयरों की बिक्री 168 रुपए प्रति शेयर के भाव पर की जाएगी, जो सोमवार को कंपनी के बंद भाव 173.3 फीसदी से करीब 3 फीसदी कम है। सोमवार को NTPC के शेयर 2.5 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुए थे।

NTPC में सरकार की मौजूदा हिस्‍सेदारी 69.7 फीसदी है। इस इश्‍यू के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 59.7 फीसदी रह जाएगी। मार्केट कैप के लिहाज से NTPC चौथा सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम है। कंपनी का कुल मार्केट कैप करीब 1.43 लाख करोड़ रुपए का है। निर्गम का प्रबंधन करने वाले एक निवेश बैंकर ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि इस निर्गम की सफलता के लिए वे घरेलू म्युचुअल फंडों की ओर से भारी लिवाली पर जोर दे रहे हैं।

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बता दें कि सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अक्सर मदद करती रही है लेकिन NTPC के मामले में उसके पास निवेश का सीमित विकल्प होगा क्योंकि LIC के पास पहले से ही कंपनी की 11.7 फीसदी हिस्सेदारी है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नियमों के अनुसार, कोई भी बीमा कंपनी किसी एक कंपनी में 15% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती है।

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