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Hindi News पैसा बिज़नेस विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में मोदी सरकार को मिली एक और सफलता, ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने दी हरी झंडी

विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में मोदी सरकार को मिली एक और सफलता, ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने दी हरी झंडी

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्री ने रविवार को माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं।

vijay mallya- India TV Paisa Image Source : VIJAY MALLYA vijay mallya

लंदन। भगोड़े वित्‍तीय अपराधियों को पकड़ने की मोदी सरकार की मेहनत रंग लाते हुए दिखाई पड़ रही है। सोमवार को ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने विजय माल्‍या के प्रत्‍यर्पण को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे संकटग्रस्‍त शराब कारोबारी विजय माल्‍या की मुश्किल और बढ़ गई है। ब्रिटेन के गृह मंत्री ने धोखाधड़ी और धन शोधन अपराधों के लिए साजिश के आरोप पर प्रत्‍यर्पण को हरी झंडी दी है।

63 वर्षीय शराब कारोबारी को भारत में प्रत्‍यर्पण करने का पहला आदेश वेस्‍टमिंस्‍टर मजिस्‍ट्रेट कोर्ट ने 10 दिसंबर 2018 को सुनाया था। पाकिस्‍तानी मूल के ब्रिटेन के सबसे वरिष्‍ठ मंत्री साजिद जाविद ने इस आदेश पर अपने हस्‍ताक्षर करने के लिए दो माह का समय लिया।

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की सभी मामलों को ध्‍यान में रखते हुए गृह मंत्री ने रविवार को माल्‍या के प्रत्‍यर्पण आदेश पर अपने हस्‍ताक्षर कर दिए हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने बताया कि 3 फरवरी को गृह मंत्री ने सभी संबंधित मुद्दों पर सावधानी पूर्वक विचार करते हुए विजय माल्‍या को भारत प्रत्‍यर्पण करने के आदेश पर अपने हस्‍ताक्षर कर दिए हैं।

विल्‍य माल्‍या पर भारत में धोखाधड़ी की साजिश रचने, गलब बयान देने और धन शोधन जैसे आरोप में मामले लंबित हैं। किंगफ‍िशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख माल्‍या पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपए जानबूझकर न लौटाने का आरोप है और वह अप्रैल 2017 से जमानत पर हैं।

माल्‍या के पास इस आदेश के खिलाफ ब्रिटेन हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिन का समय है। माल्‍या ने पहले इस बात का संकेत दिया था कि वह वेस्‍टमिंस्‍टर मजिस्‍ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। चीफ मजिस्‍ट्रेट एम्‍मा अरबथनॉट द्वारा दिसंबर 2018 में फैसला सुनाए जाने के बाद माल्‍या ने यहां संवाददाताओं से कहा था कि वह पहले ऑर्डर को पूरा पढ़ेंगे और उसके बाद अपना अगल कदम उठाएंगे। इसके बाद माल्‍या के वकीलों ने इस बात की पुष्टि की थी कि वह इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

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