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Hindi News पैसा बिज़नेस पहली बार डॉलर का भाव हुआ 72 रुपए के पार, पेट्रोल-डीजल सहित मोबाइल के और महंगा होने की बढ़ी आशंका

पहली बार डॉलर का भाव हुआ 72 रुपए के पार, पेट्रोल-डीजल सहित मोबाइल के और महंगा होने की बढ़ी आशंका

गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए ने 72.12 का निचला स्तर छुआ है जो इसका अबतक का सबसे निचला स्तर है

Rupee falls to new, Surpasses 72 level against US Dollar on Thursday- India TV Paisa Rupee falls to new, Surpasses 72 level against US Dollar on Thursday

नई दिल्ली। भारतीय करेंसी रुपए की गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए ने गिरावट का नया रिकॉर्ड बनाया है। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए ने 72.12 का निचला स्तर छुआ है जो इसका अबतक का सबसे निचला स्तर है, हालांकि बाद में निचले स्तर से हल्की रिकवरी जरूर आई लेकिन फिर भी रुपया 23 पैसे की गिरावट के साथ 71.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ है। रुपए की इस कमजोरी की वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

कमजोर रुपए से महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ी

कमजोर रुपए की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल पहले ही महंगे मिल रहे हैं और अब रुपया और भी कमजोर हो गया है जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और भी ज्यादा इजाफा होने की आशंका बढ़ गई है। देश में पेट्रोल और डीजल की खपत को पूरा करने के लिए डॉलर देकर विदेशों से कच्चा तेल खरीदा जाता है और डॉलर खरीदने के लिए अब ज्यादा रुपए चुकाने पड़ रहे हैं ऐसे में पेट्रोल और डीजल की महंगाई बढ़ने की आशंका मजबूत हो गई है।

पेट्रोल और डीजल के अलावा मोबाइल और टेलिविजन भी होंगे महंगे!

रुपए की कमजोरी से सिर्फ पेट्रोल और डीजल ही महंगे नहीं हो रहे हैं बल्कि देश में आयात होने वाली तमाम वस्तुओं की लागत बढ़ गई है जिससे उनके महंगा होने की आशंका भी जताई जा रही है। पेट्रोलियम उत्पादों के बाद देश में सबसे ज्यादा आयात इलेक्ट्रोनिक्स के सामान का होता है और रुपया कमजोर होने की वजह से आयात होने वाले इलेक्ट्रोनिक्स के तमाम प्रोडक्ट यानि आयातित मोबाइल और टेलिविजन के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

देश में आयात होने वाली हर वस्तू की कीमत बढ़ने की आशंका

देश में ज्यादा आयात होने वाले उत्पादों में खाने का तेल, कोयला, कैमिकल, महंगे रत्न, स्टील, इलेक्ट्रिकल मशीनें, ट्रांस्पोर्ट का सामान और प्लास्टिक का समान प्रमुख हैं और रुपए के सस्ता होने की वजह से इन तमाम वस्तुओं के महंगा होने की आशंका बढ़ गई है। इन सबके अलावा विदेश यात्रा, विदेश में पढ़ाई और विदेश से ली जाने वाली हर उस सेवा के लिए भी ज्यादा कीमत लगेगी जिसका भुगतान डॉलर में करना पड़ता है।

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