Hindi News पैसा बिज़नेस PNGRB ने सीएनजी, पीएनजी के रिटेल लाइसेंस के लिए बोली नियमों में किया बदलाव, अब बताना होगा कनेक्‍शन की संख्‍या

PNGRB ने सीएनजी, पीएनजी के रिटेल लाइसेंस के लिए बोली नियमों में किया बदलाव, अब बताना होगा कनेक्‍शन की संख्‍या

रिटेल पेट्रोलियम बाजार के विनियामक पीएनजीआरबी ने सीएनजी तथा पाइप के जरिये घरों में रसोई गैस (पीएनजी) के वितरण के लाइसेंस के लिए बोली के मानदंडों में उल्लेखनीय बदलाव किया है।

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नई दिल्ली। रिटेल पेट्रोलियम बाजार के विनियामक पीएनजीआरबी ने सीएनजी तथा पाइप के जरिये घरों में रसोई गैस (पीएनजी) के वितरण के लाइसेंस के लिए बोली के मानदंडों में उल्लेखनीय बदलाव किया है। विनियामक ने इससे पहले बोली लगाने वालों की ओर से एक पैसे की बोली लगाए जाने के कारण नीलामी प्रक्रिया बिगड़ने के बाद यह कदम उठाया गया है। 

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामकीय बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने आज जारी नए नियमन में कहा है कि भविष्य में होने वाली नीलामी में कंपनियों से यह बताने को कहा जाएगा कि वे परिचालन के पहले आठ साल में कितने सीएनजी स्टेशन स्थापित करेंगी तथा कितने घरेलू रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएंगी। इसमें कहा गया है कि जो कंपनियां अधिक संख्या में सीएनजी केंद्र लगाएंगी और पीएनजी कनेक्शन (पाइप नेचुरल गैस) देंगी, उन्हें अधिक अंक मिलेंगे।

शहर के भीतर सीएनजी परिवहन तथा पीएनजी के लिए वसूले जाने वाले शुल्क के लिए केवल 10 प्रतिशत भारांश दिया गया है। पहले लाइसेंस हासिल करने के लिए यह निर्णायक मानदंड था। पीएनजीआरबी ने पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड नियमन, 2018 में संशोधन में कहा कि सीएनजी स्टेशन तथा पीएनजी कनेक्शन की संख्या बोली में 70 प्रतिशत भारांश होगा। इस नियमन के तहत इकाइयों को प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क के शहर या स्थानीय स्तर पर पाइप बिछाने, निर्माण, परिचालन एवं विस्तार का अधिकार देने का प्रावधान है। 

इसके अलावा बोलीदाताओं को यह भी बताना होगा कि लाइसेंस जीतने पर वह कितनी पाइपलाइन बिछाएंगे। पीएनजीआरबी ने अबतक आठ दौर की बोली आयोजित की है। इसमें कंपनियों से पाइपलाइल के लिए शुल्क बताने को कहा गया, जो वे शहरी सीमा में गैस के परिवहन के लिए बिछाएंगी। बोली मानदंड में वह शामिल नहीं था कि वे किस दर पर सीएनजी वाहन कंपनियों को बेचेंगी या उसी पाइप का उपयोग करते हुए उसके जरिये घरों में खाना पकाने की गैस पहुंचाएंगे। ऐसे में कंपनियों ने लाइसेंस जीतने के लिए एक पैस तक की बोली की पेशकश की। 

इसमें कहा गया है कि जिन इकाइयों के पास शहर में गैस वितरण के संदर्भ में परिचालन एवं रखरखाव के संदर्भ में कम-से-कम एक साल का अनुभव तथा पर्याप्त संख्या में तकनीकी रूप से पात्र कर्मी हैं, वे बोली के लिए पात्र होंगी। इसके अलावा जिन कंपनियों के पास नेटवर्थ 150 करोड़ रुपए का है, वे 50 लाख और अधिक आबादी वाले शहरों के लिए बोली लगा सकती हैं। वहीं 20 लाख से 50 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए बोली लगाने के लिए नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए होने चाहिए। 

10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए 5 करोड़ रुपए का नेटवर्थ होना जरूरी है। पीएनजीआरबी ने कहा कि जो इकाई सीजीडी (शहर में गैस वितरण) लाइसेंस हासिल करती है, उसे प्राकृतिक गैस उत्पादक या विपणकर्ता से पारदर्शी तरीके से बाजार भाव पर 180 दिन के भीतर प्राकृतिक गैस आपूर्ति समझौता करना होगा। इसके अलावा अधिकृत इकाई को लाइसेंस हासिल करने के 270 दिन के भीतर वित्त की पूरी व्यवस्था करनी होगी। 

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