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पवन हंस के कर्मचारियों ने विनिवेश योजना का किया विरोध

पवन हंस लिमिटेड के कर्मचारियों ने PMO को पत्र लिखकर कंपनी में सरकार की समूची 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।

पवन हंस के कर्मचारियों ने विनिवेश योजना का किया विरोध, PMO को लिखा खुला खत- India TV Paisa पवन हंस के कर्मचारियों ने विनिवेश योजना का किया विरोध, PMO को लिखा खुला खत

नई दिल्ली।  पवन हंस लिमिटेड के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखकर कंपनी में सरकार की समूची 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार का यह निर्णय उनके लिये चौंकाने वाला है। पवन हंस लिमिटेड मुनाफा कमाने वाला उपक्रम है।

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कर्मचारी संघ ने पत्र के जरिए दिए ये तर्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंन्द्र मिश्र को पिछले सप्ताह भेजे गए पत्र में अखिल भारतीय नागरिक उड्डयन कर्मचारी संघ ने कहा है कि सरकार ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय ऐसे समय लिया है जब कंपनी देश के दूरदराज इलाकों तक पहुंचने के लिये सस्ती दर पर सेवाएं उपलब्ध करा रही है और इस क्षेत्र में एक मूल्य नियामक की तरह काम कर रही है। पवन हंस केंद्र सरकार और ONGC के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। इसमें सरकार की जहां 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है वहीं ONGC के पास शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी में 900 कर्मचारी है जिनमें से करीब आधे कर्मचारी स्थायी हैं।

कर्मचारी संघ ने कहा है कि

पवन हंस को बीमार उपक्रमों की सूची में शामिल किये जाने से अचंभित हैं। पवन हंस मुनाफे में चलने वाला उपक्रम हैं और लगातार सरकार को लाभांश देता रहा है, इसके बावजूद उसे रणनीतिक बिक्री वाले उपक्रमों में शामिल किया गया है।

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मुनाफे में है पवनहंस

  • कर्मचारी संघ के मुताबिक पवन हंस अब तक सरकार और ONGC को 235 करोड़ रुपए का लाभांश दे चुका है।
  • पिछले वित्त वर्ष में पवन हंस ने 61.6 करोड़ रुपए का संचालन मुनाफा हासिल किया।
  • पिछले सप्ताह ही उसने सरकार और ओएनजीसी को 10.82 करोड़ रुपए का लाभांश दिया है।
  • पवनहंस की स्थापना 1985 में हुई थी और उसके पास इस समय 46 हेलिकाप्टरों का बेड़ा है।

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