नई दिल्ली। अगर कोई सेलिब्रिटी विज्ञापन के जरिए किसी उत्पाद के बारे में गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। खाद्य उपभोक्ता विभाग एवं जन वितरण के मामलों को लेकर बनी संसदीय समिति ने इसको लेकर प्रस्ताव दिया है। संसदीय सिमिति ने सिफारिश की है कि कोई सेलिब्रिटी विज्ञापन के जरिए किसी वस्तु के बारे में भ्रामक जानकारी देता है तो पहली बार गलती करने पर उसको 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाए साथ में 2 साल की जेल का भी प्रस्ताव है।
अगर सेलिब्रिटी दोबारा से वही गलती दोहराता है, यानि वस्तु या सेवा के बारे में विज्ञापन के जरिए भ्रामक जानकारी देता है तो 50 लाख रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल की जेल की सिफारिश की गई है। संसदीय समिति की इन सिफारिशों पर सरकार विचार कर रही है। मंगलवार को केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मामले एवं जन वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री सी आर चौधरी ने संसद मे इसकी जानकारी दी है।
गौरतलब है कि करीब 2 साल पहले अमेरिकी कंपनी नस्ले के बड़े नूडल ब्रांड मैगी को लेकर देश में विवाद छिड़ा था। उस समय इस तरह की रिपोर्ट आई थी कि मैगी में हानीकारक कैमिकल डाले जाते हैं और मैगी के खिलाफ देशभर में आंदोलन तक छिड़ गया था। नेस्ले को उस समय मजबूरन बाजार से सभी पूरानी मैगी को वापस मंगाकर नष्ट करना पड़ा था। मैगी के विज्ञापन अमिताभ बच्चन से लेकर माधुरी दीक्षित जैसे बड़े सेलिब्रिटी करते थे और उस समय तमाम सेलेब्रिटी पर आरोप लग रहे थे कि वह मैगी के बारे में भ्रामक जानकारी देते हैं।
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