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Hindi News पैसा बिज़नेस एक साल बाद दिल के मरीजों के लिए फिर आई अच्छी खबर, सरकार ने स्टेंट की कीमतों में और 8% कटौती की

एक साल बाद दिल के मरीजों के लिए फिर आई अच्छी खबर, सरकार ने स्टेंट की कीमतों में और 8% कटौती की

एक साल पहले यानि 14 फरवरी 2017 को सरकार ने स्टेंट की कीमतों में करीब 85 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। अब एक साल बाद सरकार ने फिर से कीमतों में कटौती की है

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नई दिल्ली। दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर है, पिछले साल हार्ट स्टेंट की कीमतों में 75 प्रतिशत की कटौती करने के बाद दवा की कीमतों की देखरेख करने वाली केंद्रीय संस्ता नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने एक बार फिर से इसकी कीमतें घटाई हैं। NPPA की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक दवा लगे हुए स्टेंट (DES) की कीमतों में करीब 8 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। NPPA ने सोमवार को कीमतों में कटौती की घोषणा की है और यह कटौती आज से लागू हो चुकी है और अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेगी।

DES स्टेंट की कीमत 8 प्रतिशत तक घटी

NPPA की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक आज से दवा लगे स्टेंट (DES) की कीमत 27890 रुपए होगी। अबतक इसके लिए 30180 रुपए चुकाने पड़ते थे। यानि कीमतों में करीब 8 प्रतिशत की कटौती की गई है। हालांकि बेस मेटल से बने स्टेंट की कीमत में हल्की बढ़ोतरी की गई है, आज से बेस मेटल के बने स्टेंट की कीमत 7660 रुपए होगी, पहले यह कीमत 7400 रुपए होती थी। लेकिन बेस मेटल से बने स्टेंट की कीमत बढ़ने से मरीजों पर ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि देश में 95 प्रतिशत दिल के मरीजों के लिए DES का ही इस्तेमाल होता है।

पिछले साल 85 प्रतिशत घटाई थी कीमतें

एक साल पहले यानि 14 फरवरी 2017 को सरकार ने स्टेंट की कीमतों में करीब 85 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। पिछले साल बेस मेटल से बने स्टेंट की कीमत को घटाकर 7400 रुपए और दवा लगे स्टेंट की कीमत को घटाकर 30180 रुपए कर दिया गया था। अब एक साल बाद सरकार ने फिर से दिल के मरीजों के लिए स्टेंट की कीमतों में और कटौती का ऐलान किया है।

आगे और कदम उठा सकता है NPPA

हालांकि पिछले साल NPPA ने जब स्टेंट की कीमतों में कटौती की घोषणा की थी तो कई निजी अस्पतालों ने दिल की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले दूसरे उत्पादों की कीमत बढ़ा दी थी। लेकिन अब NPPA ने इसको लेकर भी कदम उठाया है, सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वह इलाज में इस्तेमाल होने वाले दूसरे उत्पादों की कीमत को अस्पताल के बिल में अलग से बताएं, साथ में 15 मार्च तक इसको लेकर सुझाव भी मांगे हैं।

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