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Hindi News पैसा बिज़नेस लोकसभा चुनाव से बदलेगी बाजार की चाल, सरकार दे आम चुनाव से पहले लोकलुभावन खर्च सीमित करने पर ध्‍यान

लोकसभा चुनाव से बदलेगी बाजार की चाल, सरकार दे आम चुनाव से पहले लोकलुभावन खर्च सीमित करने पर ध्‍यान

देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव भरे रहने की संभावना है। नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार इस राजनीति की अस्पष्टता के चलते निकट अवधि में शेयरों का मूल्यांकन सीमित ही रह सकता है।

sensex- India TV Paisa Image Source : SENSEX sensex

नई दिल्‍ली। देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव भरे रहने की संभावना है। नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार इस राजनीति की अस्पष्टता के चलते निकट अवधि में शेयरों का मूल्यांकन सीमित ही रह सकता है। 

जापान की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा के एक अध्ययन के अनुसार इस साल दिसंबर तक निफ्टी के 11,380 अंक पर पहुंचने के आसार हैं। कंपनी के अनुसार निफ्टी के 11,380 अंक पर पहुंचने का अनुमान वर्ष 2018 में औसत मूल्य-लाभ अनुपात (पीई) 16:1 मानकर लगाया गया है। अभी निफ्टी 10,700 अंक के आसपास बना हुआ है। 

नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव 2019 में होने हैं और यह बाजार की धारणा को 2019 के मध्य तक प्रभावित करेंगे। भाजपा को संभावित नुकसान और अस्थिर गठबंधन सरकार से बाजार मूल्यांकन को नुकसान होगा। हालांकि वैश्विक बाजार में सकारात्मकता बने रहने का अनुमान है।

आम चुनाव से पहले लोकलुभावन खर्च सीमित करे सरकार : यूबीएस 

वहीं स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस ने कहा है कि केंद्र सरकार को 2019 के आम चुनाव से पहले लोकलुभावन खर्चों में कटौती करनी चाहिए, ताकि राजकोषीय घाटा लक्ष्य को पार न कर पाए। यूबीएस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को अपने राजोषीय खर्च पर काबू रखना चाहिए। 

रिपोर्ट कहती है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह को लेकर चिंता, राज्यों के बढ़ते राजकोषीय घाटे तथा 2019 के आम चुनाव से पहले लोकलुभावन खर्च की वजह से राजकोषीय घाटे का लक्ष्य चूक सकता है। यहां उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी सरकार इस साल भी राजकोषीय लक्ष्य को पाने को प्रतिबद्ध है। 

यूबीएस की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जबकि चर्चा है कि सरकार अनाज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने पर विचार कर रही है। एमएसपी को बढ़ाकर उत्पादन लागत का डेढ़ गुना किया जा सकता है। 

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