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Hindi News पैसा बिज़नेस PM मोदी की नई सरकार के समक्ष होंगी कई चुनौतियां, सुस्ती रोकने और रोजगार सृजन करना है इनमें प्रमुख

PM मोदी की नई सरकार के समक्ष होंगी कई चुनौतियां, सुस्ती रोकने और रोजगार सृजन करना है इनमें प्रमुख

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नई सरकार को कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण नियमों में ढील देनी चाहिए, श्रम सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए

New govt faces challenges of arresting slowdown, creating jobs- India TV Paisa Image Source : NEW GOVT FACES CHALLENGES New govt faces challenges of arresting slowdown, creating jobs

नई दिल्ली। आम चुनाव में विशाल जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रमुख चुनौती दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आ रही नरमी को रोकना और रोजगार के अवसरों का सृजन करने की होगी। इसके अलावा निजी निवेश बढ़ाने और बैंकों के डूबे कर्ज से निपटना भी बड़ी चुनौती है। अर्थशास्त्रियों ने यह राय जताई है। 

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नई सरकार को कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण नियमों में ढील देनी चाहिए, श्रम सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए, गैर बैंकिंग ऋण क्षेत्र में कोष की कमी को दूर करना चाहिए और तथा बैंकिंग प्रणाली से डूबे कर्ज की समस्या से निपटने पर ध्यान देना चाहिए। 

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री एशिया प्रशांत शॉन रोश ने कहा कि तात्कालिक चुनौती सरकार द्वारा पहले से किए गए सुधारों का लाभ लेना होगा। विशेषरूप से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) को तर्कसंगत बनाना होगा। दूसरी बड़ी चुनौती सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता को सुधारने की होगी। 

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि नई सरकार के समक्ष चुनौती वृद्धि में गिरावट को थामने और दीर्घावधि में गैर मुद्रास्फीतिक वृद्धि दर को बढ़ाने की होगी। अक्टूबर-दिसंबर, 2018 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच सप्ताह के निचले स्तर 6.6 प्रतिशत पर आ गई। 

पीडब्ल्यूसी इंडिया के लीडर (सार्वजनिक वित्त एवं अर्थशास्त्र) रानेन बनर्जी ने कहा कि चुनौती चालू खाते के घाटे (कैड) को नियंत्रित रखन की होगी। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि तथा निर्यात की दिक्कतों की वजह से इस पर दबाव है। 

ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार के समक्ष तात्कालिक चुनौती अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने और निवेश धारणा को मजबूत करने की होगी। 

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