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गुजरात में 45% पिछड़ी खरीफ की खेती, बरसात की कमी से कपास और मूंगफली सबसे ज्यादा प्रभावित

एक तरफ देश में कई जगहों पर भारी बरसात मुसीबत बनी हुई है तो कई जगह ऐसी भी हैं जहां बरसात का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। देश में कपास और मूंगफली की सबसे ज्यादा उपज देने वाले राज्य गुजरात में बारिश की कमी की वजह से खरीफ फसलों की खेती करीब 45 प्रतिशत पिछड़ गई है और सबसे खराब असर कपास और मूंगफली की फसल पर ही पड़ा है

Kharif Sowing in Gujarat lagging behind by 45 percent till July 10th - India TV Paisa Kharif Sowing in Gujarat lagging behind by 45 percent till July 10th 

नई दिल्ली। एक तरफ देश में कई जगहों पर भारी बरसात मुसीबत बनी हुई है तो कई जगह ऐसी भी हैं जहां बरसात का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। देश में कपास और मूंगफली की सबसे ज्यादा उपज देने वाले राज्य गुजरात में बारिश की कमी की वजह से खरीफ फसलों की खेती करीब 45 प्रतिशत पिछड़ गई है और सबसे खराब असर कपास और मूंगफली की फसल पर ही पड़ा है।

गुजरात कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 10 जुलाई तक वहां पर 13,61,634 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान वहां 24,66,800 हेक्टेयर में खेती हो चुकी थी। सामान्य तौर पर पूरे खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में 42,27,533 हेक्टेयर में खेती होती है।

खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में मुख्य तौर पर मूंगफली, कपास और कैस्टरसीड की ज्यादा खेती होती है और यह राज्य इन तीनों फसलों का सबसे बड़ा उत्पादक भी है। लेकिन इस साल मूंगफली और कपास की खेती पर सबसे खराब असर पड़ा है। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 10 जुलाई तक राज्य में 5,17,213 हेक्टेयर में मूंगफली की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान 12,87,300 हेक्टेयर में खेती हो चुकी थी। कपास की बात करें तो अबतक सिर्फ 11,44,107 हेक्टेयर में खेती हो पायी है जबकि पिछले साल इस दौरान 1990700 हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी। कुछ ऐसा ही हाल अन्य खरीफ फसलों का भी है।

दरअसल इस साल गुजरात में अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान बारिश की भारी कमी हुई है जिस वजह से खरीफ खेती प्रभावित हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अबतक बीते मानसून सीजन यानि पहली जून से लेकर 9 जुलाई तक गुजरात में सामान्य के मुकाबले 46 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है, इस दौरान राज्य में सिर्फ 96.4 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि सामान्य तौर पर 178.9 मिलीमीटर बरसात हो जाती है।

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