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Hindi News पैसा बिज़नेस जियो के आने से उपभोक्ताओं को हुई एक साल में 60 हजार करोड़ रुपए की बचत, देश की जीडीपी में भी हुई वृद्धि

जियो के आने से उपभोक्ताओं को हुई एक साल में 60 हजार करोड़ रुपए की बचत, देश की जीडीपी में भी हुई वृद्धि

मुकेश अंबानी के नेतृत्‍व वाली रिलायंस जियो ने न केवल टेलीकॉम इंडस्‍ट्री को हिला कर रख दिया है बल्कि भारतीय उपभोक्‍ताओं के 60,000 करोड़ रुपए भी बचाए हैं।

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नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के नेतृत्‍व वाली रिलायंस जियो ने न केवल टेलीकॉम इंडस्‍ट्री को हिला कर रख दिया है बल्कि भारतीय उपभोक्‍ताओं के 60,000 करोड़ रुपए भी बचाए हैं। इंस्‍टीट्यूट फॉर कम्‍पटेटिवनेस ने मार्च में जारी अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डाटा सर्विस पर कम शुल्‍क की वजह से यह बचत हुई है और इसने देश में डाटा उपभोग को भी बढ़ाया है। जियो के सितंबर, 2016 में भारतीय बाजार में उतरने और कम दामों पर सेवाएं देने से उपभोक्ताओं को सालाना 10 अरब डॉलर (तकरीबन 60 हजार करोड़ रुपए) की बचत हुई है। यही नहीं इससे देश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी 5.65 प्रतिशत बढ़ा है।

जियो ने डाटा को सस्ता और लोगों की पहुंच में लाने में भूमिका निभाई है। प्रति जीबी डाटा की औसत कीमत जियो के आने के बाद 152 रुपए से घटकर 10 रुपए पर आ गई। इससे देश की बड़ी आबादी तक इंटरनेट की पहुंच सुलभ हुई। डाटा कीमतों में इतनी भारी गिरावट से समाज के नए वर्ग ने भी पहली बार इसका अनुभव लिया।

जियो मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का दूरसंचार उपक्रम है।  इंस्‍टीट्यूट ऑफ कम्पटेटिवनेस (आईएफसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि गणना के अनुसार अगर बहुत कम कर भी आकलन किया जाए, जियो के प्रवेश से उपभाक्ताओं को सालाना 10 अरब डॉलर की बचत हुई है।  

इसमें कहा गया है कि अर्थमितीय विश्लेषण से पता चलता है कि यदि अन्य चीजें स्थिर रहती हैं, तो व्यापक नेटवर्क की वजह से जियो के प्रवेश ने देश के सकल घरेलू उत्पाद में 5.65 प्रतिशत का योगदान दिया है। इंटरनेट पहुंच बढ़ने से जीडीपी वृद्धि का प्रभाव सिर्फ दूरसंचार क्षेत्र में योगदान तक सीमित नहीं है बल्कि इंटरनेट अर्थव्यवस्था की वजह से अन्य दूसरी चीजों में भी इसका योगदान रहा है। 

आईएफसी ने जियो के प्रवेश का आकलन आर्थिक वृद्धि में इंटरनेट की पहुंच के आधार पर किया है। इस मॉडल में 2004-14 से 18 राज्यों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अनुसार यदि अन्य चीजें स्थिर रहती हैं और इंटरनेट की पहुंच 10 प्रतिशत बढ़ती है तो इससे प्रति व्यक्ति जीडीपी में 3.9 प्रतिशत का इजाफा होगा। 

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