Hindi News पैसा बिज़नेस Ease of Doing Business 2019: 77वें स्‍थान पर पहुंचा भारत, लगातार दूसरे साल बना सबसे ज्‍यादा सुधार करने वाला देश

Ease of Doing Business 2019: 77वें स्‍थान पर पहुंचा भारत, लगातार दूसरे साल बना सबसे ज्‍यादा सुधार करने वाला देश

वर्ल्ड बैंक ने बुधवार को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2019 रिपोर्ट को जारी किया। लगातार दूसरे साल भारत ने अपने बेहतर प्रदर्शन को बरकरार रखने में सफलता पाई है।

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नई दिल्‍ली। वर्ल्‍ड बैंक ने बुधवार को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2019 रिपोर्ट को जारी किया। लगातार दूसरे साल भारत ने अपने बेहतर प्रदर्शन को बरकरार रखने में सफलता पाई है। वर्ल्‍ड बैंक द्वारा 190 देशों के लिए तैयार की गई इस लिस्‍ट में भारत अब टॉप-80 में शामिल हो गया है। पिछले साल भारत टॉप-100 में आया था।

वर्ल्‍ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 23 स्‍थानों के सुधार के साथ भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंक में 77वें स्‍थान पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना भारत को टॉप-50 में पहुंचाने का है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान भारत की रैंकिंग में 53 स्‍थान का सुधार आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 के बाद दो साल में किसी इतने बड़े देश द्वारा किए गए सबसे अधिक सुधार यह बताते हैं कि हमारी सरकार प्रगतिशील सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।  

वर्ल्‍ड बैंक की ताजा रैंकिंग की बात करें तो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में पहले नंबर पर पिछले साल की तरह न्यूजीलैंड बना हुआ है, दूसरे नंबर पर सिंगापुर है, तीसरे पर डेनमार्क, चौथे पर हांगकांग, पांचवें पर दक्षिण कोरिया, छठे पर जॉर्जिया, सातवें पर नॉर्वे, आठवें पर अमेरिका, नौवें पर ब्रिटेन और 10वें नंबर पर मैसेडोनिया है।

भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन 46वें स्थान पर है जबकि बांग्लादेश 176वें स्थान पर, पाकिस्तान 136वें स्थान पर, नेपाल 110वें स्थान पर, भूटान 81वें पर और श्रीलंका 100वें स्थान पर आ गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रमुख पैरामीटर बिजनेस शुरू करने, कंस्‍ट्रक्‍शन परमिट लेने, बिजली कनेक्‍शन, कर्ज मिलने, कर भुगतान और सीमा पार कारोबार के क्षेत्र में भारत ने नए सुधार किए हैं। इस वजह से भारत ने अपने बेस्‍ट प्रैक्टिस स्‍कोर को बढ़ाकर 67.23 कर लिया है, जो पिछले साल 60.76 था। यह लगातार दूसरा साल है जब भारत को शीर्ष सुधारकर्ता के रूप में मान्‍यता दी गई है। साउथ एशिया में भारत अकेला ऐसा देश है, जिसने लगातार दो साल यह उप‍लब्धि हासिल की है।

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