Hindi News पैसा बिज़नेस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग को और बेहतर बनाएगा GST, टॉप-50 में आना है अब लक्ष्‍य

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग को और बेहतर बनाएगा GST, टॉप-50 में आना है अब लक्ष्‍य

बैंकरों और विशेषज्ञों का मानना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से वर्ल्‍ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत की स्थिति और सुधरेगी।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग को और बेहतर बनाएगा GST, टॉप-50 में आना है अब लक्ष्‍य- India TV Paisa ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग को और बेहतर बनाएगा GST, टॉप-50 में आना है अब लक्ष्‍य

नई दिल्‍ली। बैंकरों और विशेषज्ञों का मानना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से वर्ल्‍ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत की स्थिति और सुधरेगी। वर्ल्‍ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 30 स्थानों की छलांग के साथ 100वें स्थान पर आ गया है। वहीं दूसरी ओर भारत की इस लंबी छलांग से उत्साहित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आगे भी सुधारों को जारी रखा जाएगा ताकि ऐसा करने से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लिस्ट में टॉप-50 में आने का लक्ष्‍य प्राप्त किया जा सके।

वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी ताजा सूची में भारत 30 अंकों की उछाल के साथ टॉप-100 में शामिल हो गया है। भारत बीते साल 130वें पायदान पर था। कराधान, लाइसेंसिंग, निवेशक संरक्षण और दिवालियापन के प्रस्तावों में कई सुधारों की मदद से भारत की रैंकिंग में यह सुधार देखने को मिला है। यस बैंक के प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने कहा कि आगे चलकर अगले साल के आकलन में जीएसटी को शामिल करने के बाद भारत की रैंकिंग में और सुधार आएगा।

वर्ल्‍ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ताजा रैंकिंग में जीएसटी को शामिल नहीं किया गया है। जीएसटी इस साल एक जुलाई से लागू हुआ है। एक्सिस बैंक की प्रबंध निदेशक शिखा शर्मा ने कहा कि जीएसटी विधेयक का पारित होना देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा घटनाक्रम था। इसके अलावा लाइसेंसिंग और कर ढांचे में सुधार से भी भारत की स्थिति सुधरी है। इससे भारत कारोबारी निवेश की दृष्टि से अधिक अनुकूल हो गया है।

केपीएमजी का मानना है कि इस सूची में 50वें स्थान पर आने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना होगा। इसके लिए भारत को मजबूती से आगे बढ़ना होगा। केपीएमजी के पार्टनर निलाया वर्मा ने कहा कि जीएसटी को इस साल की रैंकिंग में शामिल नहीं किया गया था लेकिन अगले साल के आकलन में भारत को इसका फायदा जरूर मिलेगा। लेकिन इसके साथ ही भारत को कारोबार शुरू करने, सभी सीमाओं के साथ व्‍यापार के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण में सुधार समेत कई अन्‍य क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है।

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