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Hindi News पैसा बिज़नेस वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिए संकेत, 12-18 प्रतिशत के बीच आ सकता है GST का नया स्लैब

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिए संकेत, 12-18 प्रतिशत के बीच आ सकता है GST का नया स्लैब

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि आगे टैक्स रेवेन्यू में अच्छी बढ़ोतरी होने पर देश में GST की 3 दरें रह जाएंगी।

GST standard rate to be fixed between 12-18 pc as revenues increase, says Arun Jaitley- India TV Paisa GST standard rate to be fixed between 12-18 pc as revenues increase, says Arun Jaitley | PTI

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि आगे टैक्स रेवेन्यू में अच्छी बढ़ोतरी होने पर देश में GST की 3 दरें रह जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसमें 0 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की दर के साथ सामान्य जरुरत की वस्तुओं पर एक मानक दर होगी जो 12 से 18 प्रतिशत के बीच होगी।  जेटली ने साथ में यह भी कहा कि विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को उच्च कर के दायरे में बनाए रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने फेसबुक पर 'GST के 18 महीने' शीर्षक से लिखे एक लेख में कहा है कि इस समय उपयोग की कुल 1,216 वस्तुओं में से 183 पर 0 प्रतिशत, 308 पर 5 प्रतिशत , 178 उत्पादों पर 12 प्रतिशत और 517 पर 18 की दर से जीएसटी लगता है।

उन्होंने कहा, ‘28 प्रतिशत का कर स्लैब अब खत्म हो रहा है।’ वर्तमान में इसमें सिर्फ लग्जरी एवं अहितकारी उत्पादों के अलावा वाहनों के कलपुर्जे, एसी और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में, ‘GST के रूप में परिवर्तन पूरा होने के साथ अब हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण को पूरा करने के करीब हैं। उदाहरण के लिए विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी वस्तुएं को चरणबद्ध तरीके से 28 प्रतिशत के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि इस समय 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की 2 मानक दरें है, जो भविष्य में एक की जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि अब व्यापक उपभोग की केवल दो वस्तुओं- सीमेंट और वाहन कुलपुर्जे पर ही 28 प्रतिशत का कर है। हमारी अगली प्राथमिकता सीमेंट को कम कर-दर के दायरे में ले जाने की होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि भवन निर्माण की अन्य सभी सामग्रियों को पहले ही 28 प्रतिशत से निकाल कर 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के दायरे में रखा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को 23 वस्तुओं पर कर की दरों में कटौती की थी। जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले अधिकतर वस्तुओं पर 31 प्रतिशत का कर लगता था। लोगों के पास केवल दो ही विकल्प थे- या तो ज्यादा कर का भुगतान करें या फिर कर चोरी। उन्होंने कहा कि उस समय काफी हद तक कर चोरी का बोलबाला था।

उन्होंने जीएसटी के मामले में सरकार के आलोचकों पर तंज कसते हुए किहा, ‘जिन लोगों ने भारत को 31 प्रतिशत अप्रत्यक्ष कर के बोझ के नीचे दबा रखा था और जो जीएसटी का उपहास करते रहे हैं उन्हें अपने अंदर झांकना चाहिए।’ उन्होंने यह भी लिखा है कि, ‘गैर जिम्मेदाराना राजनीति और गैर जिम्मेदाराना अर्थ-नीति दोनों केवल रसातल में ही ले जाती हैं।’ (भाषा)

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