Hindi News पैसा बिज़नेस ऑपरेशन क्लीन मनी: SMS और ई-मेल का जवाब नहीं देने वालों को नोटिस भेजेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

ऑपरेशन क्लीन मनी: SMS और ई-मेल का जवाब नहीं देने वालों को नोटिस भेजेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

ऑपरेशन क्लीन मनी: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन सभी को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने उसके SMS या ई-मेल का जवाब नहीं दिया।

ऑपरेशन क्लीन मनी: SMS और ई-मेल का जवाब नहीं देने वालों को नोटिस भेजेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट- India TV Paisa ऑपरेशन क्लीन मनी: SMS और ई-मेल का जवाब नहीं देने वालों को नोटिस भेजेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

नई दिल्ली:  आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने की पड़ताल के अपने अभियान ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत आयकर विभाग उन सभी को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने उसके SMS या ई-मेल का जवाब नहीं दिया। इन नोटिसों में नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गयी राशि के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक निर्देश में कहा कि आयकर कानून की धारा 133 (6) के तहत उस व्यक्ति को नोटिस दिया जाएगा जिन्होंने अनुस्मरण के बावजूद समय पर ऑनलाइन जवाब नहीं दिया। हालांकि, सीबीडीटी ने कहा कि आयुक्त या आयकर निदेशालय से मंजूरी के बाद ही नोटिस जारी किया जा सकता है।

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संदिग्ध डिपोजिट पर पूछें है कई सवाल 

  • आठ नवंबर को पुराने 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद होने के बाद कर विभाग ने संदिग्ध जमाओं पर कई सवाल पूछें हैं।
  • आपरेशन ऑफ क्लीन मनी के तहत आयकर विभाग ने 18 लाख एसएमएस और ई-मेल उन लोगों को जारी किये हैं जिन्होंने 30 दिसंबर को समाप्त नोटबंदी की अवधि के दौरान खातों में संदिग्ध रूप से पांच लाख रपये से अधिक राशि जमा की है।

अभी तक 9 लाख लोगों ने दिया है जवाब

  • आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर इनमें से नौ लाख जवाब मिले और शेष लोगों को विभाग नोटिस जारी करेगा।
  • इस तरह की संदिग्ध जमाओं को सत्यापन के तहत रखा गया है।
  • उनसे नकदी के स्रोत के बारे में पूछा गया है। वैध जवाब को स्वीकृत माना जायेगा और आगे सत्यापन नहीं होगा।

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जवाब नहीं देने वालों को माना जाएगा दोषी

  • जिन मामलों में तय अवधि में जवाब नहीं मिला है, आकलन अधिकारी अपनी राय बना सकता है कि सत्यापन के दायरे में आए व्यक्ति के पास जमा की गई नकदी के बारे में कोई स्वीकार्य जवाब नहीं है।
  • ऐसे मामलों को स्वीकार्य नहीं मानकर आगे कारवाई के लिए प्रक्रिया के तहत लाया जायेगा।

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