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Hindi News पैसा बिज़नेस खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की अब नहीं खैर, होगी उम्रकैद और देना होगा 10 लाख रुपए जुर्माना

खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की अब नहीं खैर, होगी उम्रकैद और देना होगा 10 लाख रुपए जुर्माना

खाद्य उत्पाद विनियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपए तक का अर्थ दंड देने का प्रावधान किए जाने की सिफारिश की है।

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नई दिल्ली। खाद्य उत्पाद विनियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपए तक का अर्थ दंड देने का प्रावधान किए जाने की सिफारिश की है। एफएसएसएआई ने 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक कानून में संशोधन के बारे में अपनी सिफारिशों में यह प्रस्ताव किया है। इसमें मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा देने तथा दस लाख तक का जुर्माना भी लगाए जाने का सुझाव है। 

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लि कड़ी सजा का प्रस्ताव किया है। एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून में संशोधनों का मसौदा जारी किया है। यह कानून 2006 में पारित हुआ था, लेकिन इसके नियमनों को 2011 में ही अधिसूचित किया जा सका था। महत्वपूर्ण संशोधनों के तहत एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नई धारा को शामिल करने का प्रस्ताव किया है। 

एफएसएसएआई ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो खाद्य पदार्थ में किसी ऐसे पदार्थ की मिलावट करता है, जो मानव उपभोग के लिए घातक है और इससे उस व्यक्ति के स्वास्थ्य को किसी तरह का नुकसान हो सकता है या मृत्यु हो सकती है, उस व्यक्ति को कम से कम सात साल की सजा दी जा सकती है और इस सजा को बढ़ाकर उम्रकैद तक किया जा सकता है। इसके अलावा उस व्यक्ति पर कम से कम दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया सकता है।  

मिलावट करने वाले व्यक्ति को उस स्थिति में भी सजा मिलेगी, जबकि उसके मिलावटी खाद्य पदार्थ से किसी का नुकसान न भी हुआ हो। प्रस्तावित संशोधन की वजह बताते हुए नियामक ने कहा कि यह कदम ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठाया जा रहा है, जो खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण करते हैं। ऐसे में खाद्य पदार्थ उपभोग के लिए असुरक्षित हो जाता है।

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