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PNB Fraud: 2011 से शुरू हुआ था घोटाला, जनवरी के तीसरे हफ्ते में हुआ खुलासा

PNB Fraud: बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि PNB को इस घोटाले की भनक जनवरी के तीसरे हफ्ते में लगी और इसके बाद 29 जनवरी को उन्होंने इसके बारे में केंद्रीय जांच ब्यूरो को जानकारी दी और 30 जनवरी को इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई।

PNB statement of bank fraud- India TV Paisa Fraud with PNB start in 2011 says Bank official

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हुए जिस घोटाले की वजह से देश की पूरी बैंकिंग व्यवस्था पर सवालिया निशान लगे हैं उस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी। गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील मेहता ने बताया जैसे ही उनको इस घोटाले के बारे में पता चला वैसे ही बैंक की तरफ से जांच शुरू कर दी गई थी। 

बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि PNB को इस घोटाले की भनक जनवरी के तीसरे हफ्ते में लगी और इसके बाद 29 जनवरी को उन्होंने इसके बारे में केंद्रीय जांच  ब्यूरो को जानकारी दी और 30 जनवरी को इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई। उन्होंने बताया की यह फ्रॉड भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के जरिए हुआ है। सुनील मेहता ने बताया कि इस घोटाले में बैंक के 2 अधिकारियों की मिलीभक्त का पता चला है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ और अधिकारियों की भी जांच चल रही है। 

सुनील मेहता ने बताया कि बैंक इस घोटाले से बाहर आने में सक्षम है और उन्होंने घोटाले के बारे में सभी कर्जदारों और सदस्यों को सूचित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और किसी को भी इस मामले में छोड़ा नहीं जाएगा। 

सुनील मेहता ने यह भी बताया कि घोटाले के मुख्य आरोपी ज्वैलर नीरव मोदी ने उनसे संपर्क करके कहा है कि वह रकम वापस लौटा देगा, लेकिन उन्होंने नीरव मोदी को पैसे वापस करने की पूरी डिटेल देने के लिए कहा है, इस बीच गुरुवार को जांच एजेंसियों ने नीरव मोदी के 12 ठिकानों पर छापेमारी की है।

क्‍या है पीएनबी का घोटाला 

अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी ने कथित रूप से बैंक की मुंबई शाखा से धोखाधड़ी वाला गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल कर अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल किया। 

क्‍या है एलओयू 
एलओयू वह पत्र है जिसके आधार पर एक बैंक द्वारा अन्य बैंकों को एक तरह से गारंटी पत्र उपलब्ध कराया जाता है जिसके आधार पर विदेशी शाखाएं ऋण की पेशकश करती हैं। 
अन्‍य बैंकों पर नहीं होगा असर वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यह एक अकेला मामला है और इससे अन्य बैंकों पर असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने तेजी से कदम उठाते हुए बैंक से यह मामला सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजने को कहा है। 

 

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