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Hindi News पैसा बिज़नेस दलहन उत्पादन चार प्रतिशत घटा, खाद्यान्नों का मामूली बढ़ा

दलहन उत्पादन चार प्रतिशत घटा, खाद्यान्नों का मामूली बढ़ा

2015-16 में दलहनों का उत्पादन 4% घटकर 1.647 करोड़ टन रह गया। वहीं गेहूं की बंपर फसल के चलते देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन मामूली बढ़कर 25.222 करोड़ टन रहा।

2015-16 में दालों का उत्पादन चार फीसदी घटा, कुल खाद्यान्न उत्पादन 25.22 करोड़ टन पहुंचा- India TV Paisa 2015-16 में दालों का उत्पादन चार फीसदी घटा, कुल खाद्यान्न उत्पादन 25.22 करोड़ टन पहुंचा

नई दिल्ली। अनेक राज्यों में सूखे के चलते फसल वर्ष 2015-16 में दलहनों का उत्पादन 4 फीसदी घटकर 1.647 करोड़ टन रह गया। हालांकि गेहूं की बंपर फसल के चलते देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन मामूली बढ़कर 25.222 करोड़ टन रहा। साल 2015-16 के लिए खाद्यान्न उत्पाद के चौथे अग्रिम अनुमान जारी किए गए। इनके अनुसार भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 25.202 करोड़ टन रहा था। इसके अनुसार पूर्व साल की तुलना में फसल वर्ष 2015-16 में जहां चावल, मोटे अनाज और दालों का उत्पादन घटा वहीं चावल के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई।

मई में जारी तीसरे अग्रिम अनुमानों में दलहनों का उत्पादन 1.706 करोड़ टन अनुमानित था जिसे घटाकर 1.647 करोड़ टन किया गया है। इससे पहले 2014-15 फसल वर्ष में दालों का उत्पादन 1.715 करोड़ टन रहा था। गौरतलब है कि दलहनों के कम उत्पादन के कारण बीते दो फसल वर्षों में इसकी खुदरा कीमतों में उछाल आया है। 2013-14 फसल वर्ष में दालों का उत्पादन 1.925 करोड़ टन रहा था। दालों के उत्पादन आंकड़े में और कमी से घरेलू कीमतों पर और दबाव आ सकता है। आंकड़ों के अनुसार चावल उत्पादन 2015-16 फसल वर्ष में घटकर 10.432 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो कि पूर्व फसल वर्ष में 10.548 करोड़ टन रहा था। तीसरे अग्रिम अनुमानों में चावल उत्पादन 10.336 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया था।

गेहूं उत्पादन अनुमान घटाकर 9.35 करोड़ टन किया गया है जो कि मई के अनुमान में 9.404 करोड़ टन था। हालांकि यह 2014-15 के 8.653 करोड़ टन के उत्पादन से अब भी अधिक है। इसी तरह मोटे अनाज का उत्पादन 2015-16 में घटकर अनुमानत: 3.794 करोड़ टन रहा जो कि पूर्व फसल वर्ष में 4.286 करोड़ टन रहा था। उल्लेखनीय है कि कैलेंडर वर्ष 2014 व 2015 में लगातार दो साल मानसून की बारिश पर्याप्त नहीं होने के कारण देश में सूखे के हालात रहे। आधिकारिक बयान के अनुसार, कम बारिश व जल भंडारों में कमी के बावजूद चौथे अग्रिम अनुमान (2015-16) के अनुसार देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन पूर्व साल की तुलना में ऊंचा रहा।

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