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Hindi News पैसा बिज़नेस डीजल की कीमतों ने बनाया नया रिकॉर्ड, पेट्रोल भी 4 साल की नई ऊंचाई पर

डीजल की कीमतों ने बनाया नया रिकॉर्ड, पेट्रोल भी 4 साल की नई ऊंचाई पर

पेट्रोल-डीजल: सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में भी डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है

Diesel Price- India TV Paisa Diesel touches new record high in Delhi 

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं, सोमवार को देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है, दिल्ली में पेट्रोल के दाम भी 4 साल की नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।

दिल्ली और NCR में डीजल का दाम

इंडियन ऑयल के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में डीजल का दाम 65.18 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया जो अबतक का सबसे अधिक भाव है, दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में भी डीजल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है, सोमवार को फरीदाबाद में दाम 66.27 रुपए, गुरुग्राम में 66.05 रुपए, नोएडा में 65.34 रुपए और गाजियाबाद में 65.24 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया।

इन शहरों में 70 रुपए के ऊपर है डीजल

देश के कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां डीजल का दाम 70 रुपए प्रति लीटर के ऊपर चल रहा है, सोमवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में इसका भाव 70.82 रुपए, केरल के त्रिवेंद्रम में 70.72 रुपए और छत्तीसगढ़ के रायपुर में 70.39 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया। दिल्ली को छोड़कर देश के अन्य 3 महानगरों की बात करें तो सोमवार को कोलकाता में डीजल का दाम 67.88 रुपए, मुंबई में 69.41 रुपए और चेन्नई में 68.76 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।

पेट्रोल के दाम में भी एकतरफा बढ़ोतरी

पेट्रोल की बात करें तो इसकी कीमतों में भी एकतरफा तेजी बनी हुई है, सोमवार को दिल्ली में भाव 74.02 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है जो सितंबर 2013 के बाद सबसे अधिक भाव है, सोमवार को कोलकाता में पेट्रोल का दाम 76.73 रुपए, मुंबई में 81.87 रुपए और चेन्नई में 76.79 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।

ये है पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ने की वजह

दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले हफ्ते तक एकतरफा तेजी दर्ज की गई है, पिछले हफ्ते भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का भाव 69.44 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया है जो करीब 40 महीने में सबसे ज्यादा भाव है। ऊपर से घरेलू स्तर पर रुपए पर दबाव बना हुआ है। इन दोनो वजहों से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत में बढ़ी है और वह इसका बोझ दाम बढ़ाकर ग्राहकों पर डाल रही हैं।

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