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पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथनॉल कीमतों में संशोधन को मंत्रिमंडल की मंजूरी

सीसीईए ने गुरुवार को एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्‍य से एथनॉल कीमतों में संशोधन की नई व्‍यवस्‍था को मंजूरी दे दी है।

पेट्रोल में मिलाने के लिए एथनॉल कीमतों में 21 फीसदी कटौती को मंजूरी, एक दिसंबर से लागू होंगे नए दाम- India TV Paisa पेट्रोल में मिलाने के लिए एथनॉल कीमतों में 21 फीसदी कटौती को मंजूरी, एक दिसंबर से लागू होंगे नए दाम

नई दिल्‍ली। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के उद्देश्‍य से एथनॉल कीमतों में संशोधन की नई व्‍यवस्‍था को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद, पेट्रोल में मिलाने वाले एथनॉल की कीमत में 1 दिसंबर से 21 फीसदी की कटौती होगी और इसकी नई कीमत 39 रुपए प्रति लीटर होगी, जो कि वर्तमान में 48.50 से 49.50 रुपए प्रति लीटर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को आपूर्ति किए जाने वाले एथनॉल के मूल्‍यों में संशोधन की व्यवस्था को मंजूरी दे दी। इसके जरिये पेट्रोलियम कंपनियों को अपने एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। अब एक दिसंबर, 2016 से 30 नवंबर, 2017 तक एथनॉल की आपूर्ति का मूल्य 39 रुपए प्रति लीटर होगा।

इसके अलावा एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं को उत्पाद शुल्क और वैट-जीएसटी तथा परिवहन शुल्क के मामले में अतिरिक्त शुल्क का भुगतान किया जाएगा, जिसका निर्णय पेट्रोलियम विपणन कंपनियां करेंगी। बयान में कहा गया है कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल का खुदरा मूल्य घटाने-बढ़ाने की जरूरत होगी, तो एथनॉल के आपूर्ति वर्ष के दौरान इस वृद्धि-कटौती को एथनॉल की खरीद की निर्धारित लागत में उसी अनुपात में शामिल किया जाएगा।

सरकार एथनॉल आपूर्ति की अवघि एक दिसंबर, 2016 से 30 नवंबर, 2017 के दौरान आर्थिक स्थिति और अन्य संबंधिक कारकों के आधार पर एथनॉल मूल्‍यों की समीक्षा और संशोधन करेगी। आयात पर निर्भरता घटाने के मकसद से सरकार ने 2003 में पेट्रोल में पांच प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण शुरू किया था। इसकी मात्रा को बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाना था। लेकिन 2006 से पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को उनके द्वारा निकाली गई निविदा में निर्धारित मात्रा में एथनॉल के लिए पेशकशें नहीं मिल पाईं। इसके लिए राज्य संबंधित मुद्दों, आपूर्तिकर्ता संबंधित मुद्दे (एथनॉल के मूल्य का मुद्दा) शामिल हैं। एथनॉल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एथनॉल मूल्य के लिए एक नई व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही थी।

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