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Hindi News पैसा बिज़नेस फ्लैट की बुकिंग कैंसल करने पर बिल्‍डर को करना होगा GST रिफंड, टैक्‍स डिपार्टमेंट ने बताया किसे मिलेगा ये फायदा

फ्लैट की बुकिंग कैंसल करने पर बिल्‍डर को करना होगा GST रिफंड, टैक्‍स डिपार्टमेंट ने बताया किसे मिलेगा ये फायदा

बिल्डरों को अब बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है।

Builders to refund GST on cancellation of flats booked in FY19- India TV Paisa Image Source : BUILDERS TO REFUND GST Builders to refund GST on cancellation of flats booked in FY19

नई दिल्‍ली। घर खरीदारों के लिए एक अच्‍छी खबर है। टैक्‍स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को एक स्‍पष्‍टीकरण देते हुए कहा है कि वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान बुक किए गए फ्लैट की बुकिंग को यदि कैंसल किया जाता है तो बिल्‍डर्स को उस फ्लैट पर लिया गया जीएसटी भुगतान खरीदार को वापस करना होगा। डिपार्टमेंट ने कहा है कि बिल्‍डर को ऐसे रिफंड के बदले क्रेडिट समायोजन की सुविधा मिलेगी।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा रीयल एस्टेट क्षेत्र पर जारी आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब में यह स्प्ष्टीकरण दिया गया है। रीयल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी दरों में किए गए बदलाव को लेकर यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है। 

ताजा बदलाव के तहत बिल्डरों को अब बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का लाभ उठाए सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है। नई व्यवस्था एक अप्रैल 2019 से लागू हो गई है। 

बिल्डरों की जो परियोजनाएं एक अप्रैल 2019 से पहले से चल रही हैं उनके मामले में उन्हें नई व्यवस्था अपनाने का विकल्प दिया गया है। ऐसी परियोजनाओं के लिए या तो वह पुरानी जीएसटी व्यवस्था को जारी रख सकते हैं अथवा एक प्रतिशत और पांच प्रतिशत की नई दर को अपना सकते हैं। पुरानी व्यवस्था में सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिए आठ प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों के लिए 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का प्रावधान था। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का लाभ भी बिल्डर उठा सकते हैं, जबकि नई व्यवस्था में दरें घटा दी गईं हैं और इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा को समाप्त कर दिया गया है। 

टैक्‍स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए सवाल-जवाब (एफएक्यू) में कहा गया है कि फ्लैट का दाम बदलने या फिर बुकिंग निरस्त होने की स्थिति में डेवलपर धारा 34 में किए गए प्रावधान के अनुरूप खरीदार के लिए क्रेडिट नोट जारी कर सकता है। एफएक्यू में कहा गया है कि डेवलपर को इस तरह जारी क्रेडिट नोट की राशि के किए गए टैक्‍स भु्गतान पर समायोजन की सुविधा उपलब्ध होगी।

इसमें उदाहरण दिया गया है कि यदि किसी डेवलपर ने एक अप्रैल 2019 से पहले की 10 लाख रुपए की बुकिंग राशि पर 12 प्रतिशत की दर से 1.20 लाख रुपए का जीएसटी भुगतान किया है। ऐसी बुकिंग के निरस्त होने की स्थिति में बिल्डर को उसकी अन्य जीएसटी देनदारियों के समक्ष 1.20 लाख रुपए के समायोजन की अनुमति होगी। एएमआरजी एंड एसोसियेट्स के पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि इस स्पष्टीकरण से निश्चित ही पुरानी बुकिंग निरस्त कराने वाले ग्राहकों का कर बोझ कम होगा। 

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