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Hindi News पैसा बजट 2022 Budget 2018: स्‍टेनलेस स्‍टील इंडस्‍ट्री को फेरो-निकल जैसे कच्‍चे माल पर भी मिले शून्‍य इंपोर्ट ड्यूटी का लाभ

Budget 2018: स्‍टेनलेस स्‍टील इंडस्‍ट्री को फेरो-निकल जैसे कच्‍चे माल पर भी मिले शून्‍य इंपोर्ट ड्यूटी का लाभ

1 फरवरी 2018 को पेश होने वाले आम बजट से पहले स्टेनलेस स्टील इंडस्‍ट्री ने सरकार से फेरो-निकल और स्टेनलेस स्टील स्‍क्रैप पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्‍म करने की मांग की है।

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नई दिल्‍ली।  1 फरवरी 2018 को पेश होने वाले आम बजट से पहले स्टेनलेस स्टील इंडस्‍ट्री ने सरकार से फेरो-निकल और स्टेनलेस स्टील स्‍क्रैप पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्‍म करने की मांग की है। इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईआईएसडीए) ने स्टेनलेस स्टील के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख कच्चे माल पर कस्‍टम ड्यूटी को हटाने की मांग बजट पूर्व ज्ञापन में की है।

आईएसएसडीए के अध्यक्ष के के पाहुजा ने कहा कि जब सरकार दूसरे देशों के साथ व्यापार संबंधों को निर्माण कर रही है ऐसे समय में भारतीय स्टेनलेस स्टील इंडस्‍ट्री की प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना जरूरी है। हम वित्त मंत्रालय से फेरो-निकल और स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर उत्पाद शुल्क हटाने की अपील करते हैं।

पाहुजा ने कहा कि सरकार ने पिछले बजट में शुद्ध निकल पर इंपोर्ट ड्यूटी को हटाया था, इसने उद्योग को ज्यादा राहत नहीं पहुंचाई, क्योंकि स्टेनलेस स्टील निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अधिकतर निकल फेरो-निकल के रूप में होती है। इसलिए हम मांग करते हैं कि इस राहत को फेरो-निकल पर भी लागू किया जाए। फेरो-निकल पर वर्तमान में 2.5 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगती है।  एसोसिएशन ने कहा है कि इस कच्‍चे माल का आयात करना जरूरी है क्‍योंकि भारत में निकल की उपलब्‍धता बहुत कम है।

एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि चूंकि सभी स्‍टेनलेस स्‍टील का उत्‍पादन इलेक्ट्रिक फर्नेस के जरिये किया जाता है, जिसमें स्‍टेनलेस स्‍टील स्‍क्रैप एक प्रमुख कच्‍चा माल है। देश में स्‍क्रैप उपलब्‍ध नहीं है इसलिए इसका भी आयात करना पड़ता है। एसोसिएशन ने सरकार से स्‍टेनलेस स्‍टील स्‍क्रैप पर कस्‍टम ड्यूटी को 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्‍य करने की मांग की है।

 

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