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विश्व का इकलौता मंदिर, जहां पर स्त्री रूप में होती है हनुमान की पूजा

नई दिल्ली: दुनिया में हनुमान के जहां कईं मंदिर हैं वहीं भारत में हनुमान के आपको कईं रूपों वाले मंदिर देखने को मिल जाएंगे जिसमें हनुमान के सिर के बल खड़ी मूर्ती और हनुमान की

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नई दिल्ली: दुनिया में हनुमान के जहां कईं मंदिर हैं वहीं भारत में हनुमान के आपको कईं रूपों वाले मंदिर देखने को मिल जाएंगे जिसमें हनुमान के सिर के बल खड़ी मूर्ती और हनुमान की लेटी हुई मूर्ती हैं। लेकिन इ्न सब के अलावा हनुमान की एक ऐसी मूर्ती भी है जिसमें हनुमान किसी पुरूष रूप में ना होकर स्त्री रूप में हैं। हनुमान का यह मंदिर सबसे अलग है। आज हम हनुमान के जिस मंदिर के बारे में आपको बता रहे हैं वह मंदिर छत्तीलगढ़ के रतनपुर गांव में स्थित है। यह संसार का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान की नारी रूप में मूर्ती है। हनुमान की यह मूर्ती 10 साल पुरानी है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से इस हनुमान प्रतिमा के दर्शन करते हैं, उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है।

हनुमान के नारी रूप में मूर्ती के होने के पीछे एक कता प्रचलित है ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में रतनपुर के एक राजा थे जिनका नाम पृथ्वी देवजू था। राजा हनुमान जी के भक्त थे। राजा को एक बार कुष्ट रोग हो गया। इससे राजा जीवन से निराश हो चुके थे। एक रात हनुमान जी राजा के सपने में आए और मंदिर बनवाने के लिए कहा। मंदिर निर्माण का काम जब पूरा हो गया तब हनुमान जी फिर से राज के सपने में आए और अपनी प्रतिमा को महामाया कुण्ड से निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया।

जब राजा ने महामाया कुंड में भगवान हनुमान की प्रतिमा देखी तो वह नारी रूप में थी। राजा ने भगवान के आदेश के अनुसार भगवान हनुमान की उसी नारी रूपी प्रतिमा की स्थापना कर दी। इस मूर्ती के दोनो कंधों पर राम और लक्ष्मण बैठे हुए हैं, और हनुमान के पैरों के नीचे दो राक्षस हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान की कृपा से राजा ठीक हो गए थे। राजा ने लोगों की इच्छाओं को पूरी करने की प्रार्थना की थी जिसे हनुमान जी आजतक पूरी कर रहे हैं।

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