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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र चंद्रग्र‍हण 2018 : चंद्र ग्रहण के समय बन रहा है यह संजोग,भूलकर भी ना करें यह काम,हो सकता है बड़ा नुकसान

चंद्रग्र‍हण 2018 : चंद्र ग्रहण के समय बन रहा है यह संजोग,भूलकर भी ना करें यह काम,हो सकता है बड़ा नुकसान

चंद्रग्र‍हण 2018 : 31 जनवरी दिन बुधवार को पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा, इस दिन 35 साल बाद चंद्रमा तीन रंगों में भी दिखेगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण 77 मिनट रहेगा।

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धर्म डेस्क चंद्र ग्र‍हण 2018 (Chandra Grahan 2018) : भारतीय हिंदू धर्म के अनुसार चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2018) का विशेष महत्‍व है। साल 2018 का पहला चंद्र ग्रहण 31 जनवरी बुधवार को लग रहा है। परंपरा के अनुसार इस दिन मंदिरों के कपाट को बंद रखा जाता है क्‍योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवताओं का दर्शन करना अशुभ माना जाता है। हालांकि आज के दौर में खगोल विज्ञान के अनुसार यह पूरी तरह से वैज्ञानिक घटना है। 31 जनवरी को लगने वाला साल का पहले चंद्र ग्रहण के दिन 35 साल बाद चांद तीन रंगों में दिखाई देगा।31 जनवरी, बुधवार को माघ पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। इसके साथ ही यह साल का पहला चंद्रगहण है।

क्‍या होता है चंद्र ग्रहण : जब प्रथ्‍वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो वह तो ऐसे समय में वह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूरज की किरणों को रोकती है,इस दौरान वह अपनी छाया भी बनाती है,इस पूरी घटना को चंद्र ग्रहण या ब्‍लडमून भी कहकर पुकारा जाता है।

सूतक काल का समय : यह साल का पहला चंद्रगहण है। जो कि शाम 5 बजे से रात 8:45 बजे तक रहेगा। आपको ये बात बता दें कि ग्रहण शुरु होने के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है।किसी भी ग्रहण के दौरान सूतक के समय का भी खास ख्याल रखना चाहिए। आज सुबह 08:09 पर ही सूतक लग जायेगा और चन्द्रनिर्मला कांति होते ही, यानी 09:40 पर सूतक समाप्त हो जायेगा।   

किसी भी ग्रहण के दौरान सूतक के समय का भी खास ख्याल रखना चाहिए। आज सुबह 08:09 पर ही सूतक लग जायेगा और चन्द्रनिर्मला कांति होते ही, यानी 09:40 पर सूतक समाप्त हो जायेगा। सूतक लगने से पहले घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए। माना जाता है कि चन्द्रग्रहण पर हमारे चारों ओर कुछ निगेटिव इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड क्रिएट होता है और कुश, तुलसी और दूर्वा, इस निगेटिव फिल्ड को वायुमंडल से दूर रखने में मदद करती हैं। ग्रहण समाप्त होने के बाद विभिन्न द्रव्य पदार्थों में डाली गई कुश, तुलसी या दुर्वा को निकालकर पीपल के पेड़ में चढ़ा देना चाहिए।

न करें ये काम
रसोई से संबंधित कोई भी कार्य
यह काम नहीं करना चाहिए, खासकर कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। इस दौरान ना ही कुछ छौंकना या बघारना चाहिए, ना ही कुछ काटना या छीलना चाहिए। साथ ही सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिये।

मालिश न करें
ग्रहण के समय तेल से मालिश न करें। इससे आपको त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है।

सोना नहीं चाहिए
ग्रहण के समय भूलकर भी न सोएं। इससे आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर कोई वृद्ध, गर्भवती महिला या फिर बीमारी व्यक्ति है तो वह सो सकता हैं।

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