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Nipah Virus: जानलेवा निपाह वायरस से चाहते हैं बचना, तो अपनाएं ये उपाय

स बीमारी के फैलने के साथ ही हमें एक और लड़ाई के लिए तैयार रहना है। यह एक प्रकार के चमगादड़ से फैलती है। संक्रमित जीवों के साथ सीधे संपर्क से बचने के अलावा, जमीन पर गिरे फलों का उपभोग करने से बचना जरूरी है।

Nipah Virus- India TV Hindi Image Source : PTI Nipah Virus

हेल्थ डेस्क: केरल में फैले निपाह वायरस (एनआईवी) ने लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया है। राज्य सरकार भले ही हालात पर काबू पाने का बखान कर रही है, लेकिन सवाल खुद को इस संक्रमण से बचाने का है। हार्ट केयर फाउंडनेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने निपाह वायरस के प्रकोप के बारे में कहा, "इस बीमारी के फैलने के साथ ही हमें एक और लड़ाई के लिए तैयार रहना है। यह एक प्रकार के चमगादड़ से फैलती है। संक्रमित जीवों के साथ सीधे संपर्क से बचने के अलावा, जमीन पर गिरे फलों का उपभोग करने से बचना जरूरी है। यह स्थिति इसलिए भी मुश्किल हो जाती है, क्योंकि इस बीमारी के लिए अभी कोई टीका या दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है।"

उन्होंने कहा, "इसके इलाज का एकमात्र तरीका कुछ सहायक दवाइयां और पैलिएटिव केयर है। वायरस की इनक्यूबेशन अवधि 5 से 14 दिनों तक होती है, जिसके बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बेहोशी और मतली शामिल होती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति को गले में कुछ फंसने का अनुभव, पेट दर्द, उल्टी, थकान और निगाह का धुंधलापन महसूस हो सकता है।"

डॉ. अग्रवाल ने बताया, "लक्षण शुरू होने के दो दिन बाद पीड़ित के कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं इंसेफेलाइटिस के संक्रमण की भी संभावना रहती है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है।"

वायरस से बचाव के लक्षणों पर उन्होंने कहा, "सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाए। पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें। बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।"

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