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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ इस होली केमिकल कलर्स का इस तरह से करें पहचान, बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

इस होली केमिकल कलर्स का इस तरह से करें पहचान, बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

2 मार्च को पूरा देश होली कें रंग में डूबा रहेगा लेकिन इस खास दिन को और खास बना सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि कैसे ? इसके लिए आपको सबसे पहले आपको कुछ ऐसे चीजों को आपको दिमाग में रखना पड़ेगा जो गलती अक्सर लोग कर देते हैं।

holi 2018

होली खेलने के बाद इन रंगों को छुड़ाने में कोई परेशानी भी नहीं आती हैं। एक बार साबुन या शैंपु से ही कलर साफ हाे जाता हैं। एक शाेध में भी यह बात कही गई हैं कि प्राकृतिक रंग से त्वचा मुलायम हो जाती है। इन रंगों के जरिए विभिन्न फूलों व वनस्पतियों का तेल भी त्वचा को मिलता है, जो कि त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक है। जबकि रासायनिक रंग से भीगना कभी-कभी इतना महंगा पड़ जाता है कि जिंदगीभर पछताना पड़ता है। 

घर पर भी तैयार कर सकते हैं हर्बल रंग
ब्लूबेरी के रस से नीला रंग तैयार किया जा सकता है। सूखे लाल चंदन को लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। लाल रंग का यह पाउडर त्वचा के लिए लाभकारी है। सिन्दूरियां के बीजों को पीस कर गाढ़ा लाल रंग बनाया जा सकता है। नारंगी रंग बनाने के लिए रात भर मेहंदी की पत्तियों को पानी में भिगों दें, सुबह होली खेलें गहरा गुलाबी रंग बनाने के लिए चुकंदर को पानी में उबाल लें, रंग तैयार हो जाएगा। लाल रंग के फूलों को रात भर पानी में भिगों दे तो पानी का रंग हल्का पीला हो जाएगा।

 

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