Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ देश में तेजी से बढ़ रहा 'गोल्डन नी इंप्लांट' का चलन, सिर्फ 1 घंटे में सर्जरी

देश में तेजी से बढ़ रहा 'गोल्डन नी इंप्लांट' का चलन, सिर्फ 1 घंटे में सर्जरी

देश में घुटने बदलने की सर्जरी में 'गोल्डन नी इंप्लांट' का उपयोग तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले करीब ढाई महीने के भीतर अकेले इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में ही 25 मरीजों की 'गोल्डन नी इम्प्लांट' सर्जरी हुई है। जानिए लाभ।

Golden Knee Implant- India TV Hindi Golden Knee Implant

हेल्थ डेस्क: देश में घुटने बदलने की सर्जरी में 'गोल्डन नी इंप्लांट' का उपयोग तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले करीब ढाई महीने के भीतर अकेले इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में ही 25 मरीजों की 'गोल्डन नी इम्प्लांट' सर्जरी हुई है। अस्पताल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. राजू वैश्य ने कहा, "इस साल 26 मई को अस्पताल में पहली गोल्डन नी इंप्लांट सर्जरी की गई थी और तब से लेकर अब तक करीब 25 गोल्डन नी इंप्लांट सर्जरी हो चुकी है। इस सर्जरी में एक घंटे का समय लगता है।"

डॉ. राजू वैश्य ने बताया कि गोल्डन नी इंप्लांट का इस्तेमाल होने के कारण मरीजों को दोबारा घुटने की सर्जरी कराने की जरूरत खत्म हो गई है। धातु के परम्परागत इंप्लांट में एलर्जी के कारण इंप्लांट के खराब होने का खतरा होता था जिससे कई मरीजों को दोबारा घुटना बदलवाना पड़ता था लेकिन गोल्डन नी इंप्लांट में एलर्जी का खतरा नहीं होता और साथ ही यह इंप्लांट 30 से 34 साल तक चलता है जिसके कारण यह कम उम्र के मरीजों के लिए भी उपयोगी है।

हाल में गोल्डन नी इंप्लांट सर्जरी कराने वाली मरीज प्रेमलता जैन ने कहा कि जब मैंने अस्पताल के डॉक्टर से संपर्क किया था तब मेरी हालत बहुत ही अधिक खराब थी। मैं अपने आप चलने-फिरने में भी असमर्थ थी। यहां के डॉक्टर ने घुटने बदलवाने की सलाह दी। डाक्टरों ने गोल्डन नी इंप्लांट लगवाने का परामर्श दिया जो कि मेरे लिए बिल्कुल नया था। डॉक्टर ने इसके फायदे के बारे में समझाया। मुझे डॉक्टर के अनुभव एवं विशेषज्ञता पर पूरा विश्वास था। इस कारण मैं इसके लिए तैयार हो गई। मैंने गोल्डन नी इंप्लांट सर्जरी कराई जो पूरी तरह से सफल रही और मैं अब पूरी तरह से चलने-फिरने में सक्षम हूं।

डॉ. राजू वैश्य ने बताया कि परंपरागत इंप्लांट की तुलना में 'गोल्डन नी इंप्लांट' बहुत सस्ता है और जिन्हें घुटना बदलवाने की सर्जरी की जरूरत है, वे आसानी से इसके खर्च को वहन कर सकते हैं। इस इंप्लांट के कारण मरीज घुटने को पूरी तरह से मोड़ सकते हैं, पालथी मार कर बैठ सकते हैं, झुक सकते हैं और आराम से सीढ़ियां भी चढ़ सकते हैं।

(इनपुट आईएएनएस)

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