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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ निपाह वायरस का अभी तक नहीं है कोई वैक्सीन, इन 5 आसान तरीकों से कर सकते हैं खुद का बचाव

निपाह वायरस का अभी तक नहीं है कोई वैक्सीन, इन 5 आसान तरीकों से कर सकते हैं खुद का बचाव

निपाह वायरस (एनआईवी) की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के कैम्पंग सुंगई निपाह में एक बीमारी फैलने के दौरान हुई थी। यह चमगादड़ों से फैलता है और इससे जानवर और इंसान दोनों ही प्रभावित होते हैं। जानिएआप कैसे कर सकते है बचाव

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हेल्थ डेस्क: केरल में निपाह वायरस (एनआईपी) से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 10 हो गई। केंद्र व राज्य सरकार ने निपाह वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में केरल के कोझिकोड व मलप्पुरम में इस वायरस के होने की पहचान की गई है।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के.शैलजा ने कोझिकोड में डेरा डाल दिया है और वह यहां से मलप्पुरम का दौरा भी कर रही हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि मंगलवार तक 18 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

शैलजा ने कहा, "इनमें से 12 की पहचान की गई जिनमें से 10 पीड़ितों की मौत हो गई है और दो की हालत गंभीर है। चिकित्सक अपनी तरफ से बेहतरीन कोशिश कर रहे हैं लेकिन मंगलवार की सुबह फिर दो रोगियों की मौत हो गई।" उन्होंने कहा कि कोझिकोड में 11 लोगों को निगरानी में रखा गया है।

निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ों, सूअर या अन्य संक्रमित व्यक्तियों से सीधे संपर्क से आने से जानवरों व मनुष्यों, दोनों में फैलता है।

क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस (Nipah Virus) के इलाज का एकमात्र तरीका कुछ सहायक दवाइयां और पैलिएटिव केयर है। वायरस की इनक्यूबेशन अवधि 5 से 14 दिनों तक होती है, जिसके बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बेहोशी और मतली शामिल होती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति को गले में कुछ फंसने का अनुभव, पेट दर्द, उल्टी, थकान और निगाह का धुंधलापन महसूस हो सकता है।"

वीडियो में जानें निपाह वायरस के लक्षणों के साथ-साथ कई बातें

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