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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ श्रीदेवी की मौत जिस 'कार्डिएक अरेस्ट' से हुई, जानिए क्यों इसकी चपेट में आती हैं महिलाएं

श्रीदेवी की मौत जिस 'कार्डिएक अरेस्ट' से हुई, जानिए क्यों इसकी चपेट में आती हैं महिलाएं

बॉलीवुड की 'नगीना' अचानक से ऐसे खो गई जिसका पता अभी तक नहीं लगाया जा सका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीदेवी अभी सिर्फ 54 साल की थी और इतने कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनकी जान चली गई।

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हेल्थ डेस्क: बॉलीवुड की 'नगीना' अचानक से ऐसे खो गई जिसका पता अभी तक नहीं लगाया जा सका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीदेवी अभी सिर्फ 54 साल की थी और इतने कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनकी जान चली गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपने भांजे की शामिल होने के लिए वह दुबई गईं थी। और शादी में शामिल होने के बाद देर रात करीह 11 बजे उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और वह होटल के बाथरूम में वह बेहोश हो गईं।

जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हार्ट डॉक्टर के मुताबिक महिलाओं में कार्डियक अरेस्ट लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। डाक्टर के मुताबिक महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कार्डियक अरेस्ट से मौत के मामले कम होते हैं। कोरोनरी हृदय रोग की वजह से महिलाओं में अचानक मृत्यु का जोखिम पुरुषों के मुकाबले आधा है।

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इस तरह के कार्डिएक अरेस्ट पुरुष के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होते हैं

महिलाओं में बिना किसी लक्षण के अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने के मामले पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होते हैं। हार्ट फेलियर होने की स्थिति में अचानक मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। इस तरह के मामलों में भी महिलाओं की अचानक मौत का अनुपात पुरुषों के मुकाबले कम है।

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हार्ट फेलियर के मामलों में महिलाओं की मृत्यु की दर पुरुषों के मुकाबले एक तिहाई है। महिलाओं की अचानक कार्डिएक अरेस्ट से मौत के मामलों में एक कारण डर और चिंता भी होता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और ऊंचा सीरम कोलेस्ट्रॉल जैसे चीजे घबराहट व चिंता बढ़ाता है।

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पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में दिल की बीमारी का पता लगाना ज्यादा मुश्किल होता है। महिलाओं में टिपिकल एनजाइना (हृदय में रक्त के बहाव में कमी आने से होने वाला सीने का दर्द) होने की संभावना पुरुषों के मुकाबले कम होती है। महिलाओं में टिपिकल एनजाइना होने की आशंका दिल के दौरे के मुकाबले कम है। लेकिन यदि उन्हें हार्ट अटैक आता है तो वो पुरुषों के मुकाबले ज्यादा घातक होता है।

 

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