Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'जनता को ‘बुआ-भतीजे’ की डील नहीं, मोदी-योगी का काम पसंद है'

'जनता को ‘बुआ-भतीजे’ की डील नहीं, मोदी-योगी का काम पसंद है'

मायावती ने कल कहा था कि बसपा अपने बलबूते पर किसी को भी राज्यसभा नहीं भेज सकती। ना ही सपा के पास इतने विधायक हैं कि वह दो राज्यसभा सदस्य चुनकर भेज दे...

akhilesh yadav and mayawati- India TV Hindi akhilesh yadav and mayawati

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने सपा और बसपा के बीच आगामी राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव को लेकर हुए समझौते पर तंज करते हुए कहा कि जनता को बुआ-भतीजे की ‘डील‘ नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काम पसंद है।

शर्मा ने यहां एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश-निराश विपक्षी दल अब भाजपा के विकास रथ को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। बुआ (मायावती) और भतीजे (अखिलेश यादव) की ‘डील’ इसी हताशा का परिणाम है। निजी स्वार्थों की इस डील को जनता का करारा जवाब मिलेगा, क्योंकि जनता को मोदी और योगी का काम पसंद है। फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनाव में भाजपा को पहले से ज्यादा मतों से जीत हासिल होगी।

उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश की योगी सरकार का एक साल भी पूरा नहीं हुआ है और सरकार के विकास कार्यों तथा लोकप्रियता से घबराकर सपा, बसपा और कांग्रेस का विश्वास डगमगाने लगा है। सपा और बसपा की ‘डील’ जनता की आंखों में धूल झोंककर निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए हुई है। इसका मकसद प्रदेश की विधान परिषद और राज्यसभा में एक-दूसरे के लिए लेन-देन के आधार पर सीटों का ‘जुगाड़’ करना है। शर्मा ने कहा कि अब जनता राजनीतिक रूप से काफी परिपक्व हो चुकी है। वह परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति करने वालों के झांसे में नहीं आने वाली।

गौरतलब है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने कल कहा था कि बसपा अपने बलबूते पर किसी को भी राज्यसभा नहीं भेज सकती। ना ही सपा के पास इतने विधायक हैं कि वह दो राज्यसभा सदस्य चुनकर भेज दे। उसे अपना दूसरा सदस्य जिताने के लिए और सदस्यों की जरूरत होगी, इसलिए हमारी पार्टी ने सपा से बात करके निर्णय लिया है कि दूसरे प्रत्याशी के रूप में बसपा का कोई कार्यकर्ता राज्यसभा में जायेगा। बदले में बसपा सपा को विधान परिषद चुनाव में मदद करेगी।

उन्होंने यह भी कहा था कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बसपा ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी के लोग अपना वोट नहीं डालेंगे। वे अपने मताधिकार का ‘सही’ इस्तेमाल करेंगे। बसपा प्रमुख के इस बयान को इस उपचुनाव में सपा के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है।

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