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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश अवैध रेत खनन मामले में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की भूमिका की हो सकती है जांच

अवैध रेत खनन मामले में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की भूमिका की हो सकती है जांच

अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका की भी जांच होगी। 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव के जिम्मे ही खनन विभाग भी था।

Akhilesh yadav- India TV Hindi Image Source : PTI Akhilesh yadav

नई दिल्ली: ​उत्तर प्रदेश में अवैध रेत खनन के एक मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सीबीआई जांच का सामना कर सकते हैं। दरअसल, जांच एजेंसी ने शनिवार को इस सिलसिले में एक प्राथमिकी सार्वजनिक की है। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है, जब एक समय में चिर प्रतिद्वंद्वी रही सपा और बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने के लिए आपस में हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। 

सीबीआई हमीरपुर जिले में 2012-16 के दौरान अवैध रेत खनन मामले की जांच कर रही है। मामले में 11 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में शनिवार को 14 स्थानों पर तलाशी ली गयी। इन 11 लोगों में आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला, सपा के विधान पार्षद रमेश कुमार मिश्रा और संजय दीक्षित भी हैं। संजय दीक्षित 2017 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। 

बी चंद्रकला 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह अपने कथित भ्रष्टाचार रोधी अभियान को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चित रही हैं । प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘मामले की छानबीन के दौरान संबंधित अवधि में तत्कालीन खनन मंत्री की भूमिका की भी जांच हो सकती है।’’ प्राथमिकी के मुताबिक 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था। इससे उनकी भूमिका जांच के दायरे में आ जाती है। उनके बाद 2013 में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे और चित्रकूट में एक महिला द्वारा बलात्कार की शिकायत के बाद 2017 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। 

यह प्राथमिकी सीबीआई द्वारा दो जनवरी 2019 को दर्ज किए गए अवैध खनन के मामलों से संबद्ध है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से इस मामले की जांच के आदेश दिए जाने के करीब ढाई साल बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है। उच्च न्यायालय ने 28 जुलाई 2016 को निर्देश दिया था कि वह राज्य में अवैध खनन की जांच करे। इसके बाद उसने दो प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी, जिसमें से दो शामली एवं कौशांबी जिलों से जुड़े थे। इन्हें 2017 में प्राथमिकी में तब्दील कर दिया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि फतेहपुर, देवरिया, सहारनपुर और सिद्धार्थ नगर जिलों से जुड़े मामले भी जल्द दाखिल किए जाएंगे। सीबीआई 2012 और 2016 की अवधि के दौरान के अवैध खनन की जांच कर रही है। 

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