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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश अगर सेना को पहले ही खुला हाथ दे देते तो पुलवामा जैसी घटनाएं नहीं होती: मायावती

अगर सेना को पहले ही खुला हाथ दे देते तो पुलवामा जैसी घटनाएं नहीं होती: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भारतीय वायुसेना के बहादुर जांबाज़ों की साहसिक कार्रवाई को सलाम करते हुए कहा कि अगर हमारी सेना को भाजपा सरकार पहले ही खुले हाथ दे देती तो बेहतर होता।

<p>BSP chief Mayawati (File Photo)</p>- India TV Hindi Image Source : PTI BSP chief Mayawati (File Photo)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भारतीय वायुसेना के बहादुर जांबाज़ों की साहसिक कार्रवाई को सलाम करते हुए कहा कि अगर हमारी सेना को भाजपा सरकार पहले ही खुले हाथ दे देती तो बेहतर होता। मायावती ने ट्वीट कर कहा, ''जैश आतंकियों के खिलाफ पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर भारतीय वायुसेना के बहादुर जांबाज़ों की साहसिक कार्रवाई को सलाम और सम्मान। काश हमारी सेना को भाजपा सरकार पहले ही खुला हाथ दे देती तो बेहतर होता।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''प्रधानमंत्री ने पुलवामा के जवानों की शहादत के बदले में कार्रवाई करने के लिए जो खुले हाथ सेना को दिए हैं, अगर ये फैसला मोदी सरकार द्वारा पहले ले लिया गया होता तो पठानकोट, उरी और पुलवामा जैसी अति दुःखद और अति चिन्तित करने वाली घटनाएं नहीं होतीं और न ही इतने जवान शहीद होते।''

बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को इस बात कि पुष्टि की के भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में तडके सुबह जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंपों में से एक को तबाह कर दिया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक बालाकोट के सबसे बड़े जैश ए मोहम्मद के शिविर में बड़ी संख्या में जैश आतंकवादियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों का सफाया कर दिया गया है जिसमें मसहूद अजहर का भाई और साला भी शामिल है। 

शिविर का नेतृत्व मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी करता था। वह मसूद अजहर का साला है और उन्होनें बताया कि यह कार्रवाई रिहायशी इलाके से दूर जंगलों में एक पहाड़ी पर हुई जहां यूसुफ अज़हर द्वारा जैश का आतंकी कैंप चलाया जा रहा था। यूसुफ अजहर को जेएमएम के नेता मसूद अजहर का बहनोई कहा जाता है। 

युसुफ अजहर उर्फ मोहम्मद सलीम उन लोगों में से एक था जिसने 1999 में भारतीय एयरलाइन की उड़ान IC 814 का कंधार तक अपहरण किया था। JeM प्रमुख को तब IC- 814 अपहृत यात्रियों के बदले में भारत द्वारा रिहा किया गया था। 2002 में सरकार ने इस्लामाबाद को 20 भगोड़ों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें यूसुफ अजहर का नाम था।

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