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Hindi News भारत राजनीति पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन को कोर्ट से झटका, गैर कानूनी टेलीफोन मुकदमे का करना पड़ेगा सामना

पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन को कोर्ट से झटका, गैर कानूनी टेलीफोन मुकदमे का करना पड़ेगा सामना

यह मामला संप्रग-प्रथम सरकार में द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि के पौत्र दयानिधि मारन के बतौर संचार मंत्री के कार्यकाल से संबंधित है।

<p>पूर्व केन्द्रीय...- India TV Hindi Image Source : PTI पूर्व केन्द्रीय संचार मंत्री दयानिधि मारन 

नई दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय संचार मंत्री दयानिधि मारन को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में उस समय झटका लगा जब शीर्ष अदालत ने गैर कानूनी टैलीफोन एक्सचेंज मामले में उन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया और कहा कि वह अदालत में मुकदमे का सामना करें। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने पूर्व केन्द्रीय संचार मंत्री दयानिधि मारन की याचिका खारिज करते हुये कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी और मुकदमे की सुनवाई के दौरान सारे आरोपों का जवाब दिया जा सकता है। 

यह मामला संप्रग-प्रथम सरकार में द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि के पौत्र दयानिधि मारन के बतौर संचार मंत्री के कार्यकाल से संबंधित है। उस समय दयानिधि मारन के भाई कलानिधि मारन के सन टीवी नेटवर्क को लाभ पहुंचाने के लिये चेन्नई में स्थापित कथित गैर कानूनी टेलीफोन एक्सचेंज से संबंधित है। मारन ने मद्रास उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें इस मामले में आरोप मुक्त करने के सीबीआई अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत से कहा था कि इस मामले में आरोप तय किये जायें और मुकदमे की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी जाये। 

सीबीआई का आरोप है कि मारन ने अपने पद का दुरूपयोग करके चेन्नई के अपने आवासीय परिसरों में निजी टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कराये थे। इनका इस्तेमाल सन टीवी नेटवर्क के कारोबारी लेन देन के लिये हुआ था। जांच ब्यूरो के अनुसार चेन्नई में मारन के बोट क्लब और गोपालपुरम इलाके में स्थित आवास परिसरों में उच्च शक्तिवाली 700 संप्रेषण लाइनें लगाई गयी थीं जिनका कभी भी बिल नहीं बना था और इस वजह से 1.78 करोड़ रूपए के राजस्व की हानि है।

सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 मार्च को अपने आदेश में मारन बंधुओं और पांच अन्य आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। दयानिधि मारन के भाई कलानिधि मारन एक अरबपति कारोबारी हैं और वह सन समूह, जो अनेक मीडिया समूह के मालिक, संस्थापक तथा अध्यक्ष हैं।

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