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कांग्रेस ने की मनोहर पर्रिकर के घर की तलाशी लेने, लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग

गोवा में विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि सीबीआई राफेल सौदे पर एक फाइल का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निजी आवास पर ‘‘छापा’’ मारे।

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पणजी: गोवा में विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि सीबीआई राफेल सौदे पर एक फाइल का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निजी आवास पर ‘‘छापा’’ मारे। उसने यह भी मांग की कि पर्रिकर और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों का झूठ पकड़ने वाला (लाई डिटेक्टर) टेस्ट होना चाहिए।

यह प्रतिक्रिया पर्रिकर के कथित दावे के बाद आई है कि उनके पास राफेल विमान सौदे पर एक फाइल है जो उनके बेडरूम में रखी है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में इस मामले के संबंध में कथित तौर पर गोवा के एक मंत्री की एक ऑडियो टेप बजाने की कोशिश की।

गोवा कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धनाथ बुयाओ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच बातचीत की ऑडियो टेप से खुलासा होता है कि राफेल सौदे से जुड़ी फाइल पर्रिकर के शयनकक्ष में रखी है। पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर और राणे दोनों ने आरोप खारिज किए हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘फाइल के बारे में दावे की प्रमाणिकता की जांच के लिए मैं गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय जांच ब्यूरो से पर्रिकर के निजी आवास पर छापा मारने की अपील करता हूं। सच्चाई सामने आने दीजिए।’’ इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस ने राणे और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच कथित बातचीत का ऑडियो टेप जारी किया। बुयाओ ने यह भी मांग की कि टेप को सामने लाने वाले व्हिसलब्लोअर की पहचान की जाए और उसे पुलिस सुरक्षा दी जाए। उन्होंने कहा, ‘‘पर्रिकर की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि उनका अंजाम हरेन पांड्या और न्यायाधीश लोया जैसा नहीं चाहिए।’’

गुजरात के पूर्व गृह मंत्री पांड्या की 2003 में हत्या कर दी गई थी। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश लोया की 2014 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बुयाओ ने यह भी मांग की कि जब पर्रिकर ने राफेल फाइल के अपने पास होने का दावा किया तो उस समय मौजूद पर्रिकर, राणे और राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सभी मंत्रियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए।

उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों से रक्षा मंत्री के तौर पर दिल्ली में पर्रिकर के कार्यालय में उनके निजी सचिव समेत अन्य कर्मचारियों की जांच करने की मांग की। इस बीच, पूर्व कांग्रेस नेता राणे ने टेप में उनकी आवाज होने से इनकार किया। उन्होंने पर्रिकर को पत्र लिखकर इस मामले की केंद्रीय एजेंसियों या राज्य अपराध शाखा से जांच कराने की मांग की। पर्रिकर ने कहा कि ऑडियो टेप से ‘‘छेड़छाड’’ हुई और उच्चतम न्यायालय में राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर कांग्रेस के ‘‘झूठ’’ का पर्दाफाश होने के बाद वह तथ्यों को तोड़ मरोड़ने की कोशिश कर रही है।

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