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जानें, कौन हैं कमिश्नर राजीव कुमार जिनके समर्थन में ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं

उन्होंने एसएम कॉलेज से पढ़ाई की और फिर सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की। IPS अधिकारी बनने के बाद राजीव पश्चिम बंगाल आ गए।

Rajeev Kumar (Extreme Left) and Mamata Banerjee (Right) | PTI- India TV Hindi Rajeev Kumar (Extreme Left) and Mamata Banerjee (Right) | PTI

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों की एक टीम पोंजी घोटालों के मामलों में पूछताछ की खातिर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के आवास पर पहुंची थी। CBI की इस टीम को पुलिसकर्मियों ने बाहर ही रोक दिया, जिसके बाद दोनों टीमों में कथित तौर पर हाथापाई भी हुई। इस घटना के कुछ ही देर बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले तो प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मोदी सरकार को जमकर कोसा, और उसके बाद राजीव कुमार के समर्थन में धरने पर बैठ गईं।

ममता बनर्जी के इस धरने को विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कहा कि राजीव पूरी दुनिया में सबसे अच्छे पुलिस ऑफिसर हैं। अब सबके मन में सवाल है कि यह राजीव कुमार आखिर हैं कौन जिनके समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तक ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और धरने पर बैठी हैं। वह कहां से ताल्लुक रखते हैं और CBI उनसे पूछताछ करने क्यों गई थी? राजीव रहने वाले कहां के हैं और उनका पिछला रिकॉर्ड कैसा है?

राजीव कुमार 1989 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IPS अधिकारी हैं। राजीव कुमार के पिता उत्तर प्रदेश के चंदौसी में एक कॉलेज के प्रोफेसर थे और उनका परिवार चंदौसी में ही रहता है। उन्होंने एसएम कॉलेज से पढ़ाई की और फिर सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की। IPS अधिकारी बनने के बाद राजीव पश्चिम बंगाल आ गए। 1989 बैच के अफसर राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। फिलहाल राजीव पश्चिम बंगाल पुलिस में कोलकाता कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।

राजीव कुमार ने 2013 में सारदा चिटफंड घोटाले मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT के प्रमुख थे। राजीव के ऊपर जांच के दौरान गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं। बतौर SIT प्रमुख राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में सारदा के प्रमुख सुदीप्त सेन गुप्ता और उसकी सहयोगी देवयानी को गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनके पास एक ऐसी डायरी मिली थी जिसमें चिटफंड से रुपये लेने वाले नेताओं के नाम थे। राजीव कुमार पर इसी डायरी को गायब करने आरोप लगा है। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर CBI ने राजीव कुमार को आरोपित किया था।

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