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Hindi News भारत राजनीति एविएशन सेक्टर में दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, हम पीछे रहने का जोखिम नहीं ले सकते: PM मोदी

एविएशन सेक्टर में दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, हम पीछे रहने का जोखिम नहीं ले सकते: PM मोदी

PM मोदी ने 16,700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण की आधारशिला रखी और भूमि पूजन किया...

PM Modi lays foundation stone for new Mumbai airport- India TV Hindi PM Modi lays foundation stone for new Mumbai airport

नवी मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहर लाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (JNPT) की 7,900 करोड़ रुपये की लागत से तैयार चौथी टर्मिनल परियोजना का पहला चरण रविवार को राष्ट्र को समर्पित किया।  इससे देश के इस सबसे बड़े कंटेनर ढुलाई बंदरगाह की ढुलाई क्षमता 50 प्रतिशत बढ़ जाएगी। PM मोदी ने इसके अलावा 16,700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण की आधारशिला भी रखी। उन्होंने इस बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट के भूमि पूजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।

इस मौके पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए PM मोदी ने कहा, ‘पुरानी सरकारों का स्वभाव लटकाना, अटकाना और भटकाना था। करीब-करीब 10 लाख करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट ऐसे ही लटके, अटके और भटके हुए थे। उनको हमने पूरा किया। हमने पैसे का प्रबंध किया और आज वे सारे काम तेज गति से आगे चल रहे हैं। उसी में से एक नवी मुंबई एयरपोर्ट का काम है।‘ गौरतलब है कि मुंबई में एयरपोर्ट पर बढ़ते यात्रियों को देखते हुए लगभग 21 साल पहले 1997 में ही नवी मुंबई एयरपोर्ट को सेकंडरी एयरपोर्ट के तौर पर प्लान किया गया था, लेकिन अब तक कई कारणों के चलते यह योजना शुरू नहीं हो पाई थी।

PM मोदी ने इस मौके पर कहा कि बीते एक साल के दौरान 900 से ज्यादा विमानों के पोस्टिंग आर्डर आने वाले सालों में भारत में उड्डयन क्षेत्र में भारी वृद्धि की तैयारी को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश में करीब 450 विमानों का संचालन किया जाता है, लेकिन यह संख्या अगले कुछ सालों में 900 से ज्यादा विमानों की तैनाती के साथ तिगुनी हो जाएगी। PM मोदी ने कहा, ‘दुनिया भर में उड्डयन क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम इसमें पीछे रहने का जोखिम नहीं ले सकते। देश में 70 सालों से कोई विमानन नीति नहीं है, जिसके लिए हमने हाल में देश के सुदूरवर्ती कोनों से सस्ती दरों पर समग्र संपर्क सुविधा मुहैया का क्रियान्वयन किया है।’ 

वहीं, JNPT बंदरगाह की बात करें तो इसकी माल ढुलाई क्षमता को दो गुनी बढ़ाकर करीब एक करोड़ मानक कंटेनर यूनिट करने की योजना है। ऐसा होने पर यह दुनिया का 33वां सबसे बड़ा बंदरगाह बन जाएगा। चीन के पास दो करोड़ TEU (ट्वंटीफीट इक्विलेंट यूनिट) क्षमता के 15 बंदरगाह हैं। मोदी ने रिमोट कंट्रोल से इस टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस चौथे टर्मिनल के पहले चरण का परिचालन अधिकार पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी (PSA) के पास है। मोदी ने कहा, ‘यदि हमें वैश्विक दुनिया में अपने लिए जगह बनानी है तो हमें नौवहन बढ़ाना होगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार बंदरगाह क्षेत्र के विकास के साथ प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने पर गौर कर रही है। 

PSA के मुख्य कार्यकारी तान चोंग मेंग ने इस मौके पर कहा कि JNPT ने लंबे विलंब के बाद 2014 में उन्हें यह चौथा टर्मिनल का काम दिया। JNPT को अब तक क्षमता बढ़ाने के लिये काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जिसके कारण निजी क्षेत्र के मुंद्रा बंदरगाह आदि को अधिक अवसर मिले। JNPT की ढुलाई क्षमता 48 लाख मानक कंटेनर यूनिट है। नई टर्मिनल के उद्घाटन के साथ इसमें 24 लाख मानक कंटनेर इकाई और जुड़़ गई है। वर्ष 2022 में दूसरे चरण के पूरा होने पर इसमें 24 लाख टन क्षमता और जुड़ेगी। कुल मिलाकर तब बंदरगाह की कंटेनर क्षमता एक करोड़ इकाई तक पहुंच जायेगी।

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