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उमर, महबूबा ने सरकार बनाने के लिए दिल्ली की ओर नहीं देखने पर राज्यपाल को दी बधाई

राज्यपाल ने शनिवार को ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि उन्होंने विधानसभा इसलिए भंग की क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इतिहास में उन्हें एक ‘‘बेईमान’’ व्यक्ति के तौर पर याद किया जाए।

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श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्य में सरकार गठन को लेकर ‘‘दिल्ली की ओर नहीं देखने’’ और भाजपा सरकार बनने से रोकने के लिए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को बधाई दी।

उमर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘दिल्ली की ओर नहीं देखने तथा उनके निर्देश नहीं लेने पर मेरी तरफ से राज्यपाल को बधाई जिसके चलते खरीद-फरोख्त, दल-बदल तथा धन के इस्तेमाल से भाजपा और उनके मोहरों को सरकार बनाने से रोक दिया गया।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने ग्वालियर में राज्यपाल मलिक द्वारा की गई टिप्पणियों पर यह प्रतिक्रिया दी है। उमर ने ट्वीट किया, ‘‘मैं वाकई में नहीं जानता कि ग्वालियर में राज्यपाल साहब के खुलासे का क्या मतलब है। हम जानते हैं भाजपा और उसके मोहरे खरीद-फरोख्त, पैसे के इस्तेमाल से किसी भी हालत में सरकार बनाना चाहते हैं, लेकिन हमें यह कभी नहीं मालूम था कि राजनीतिक रूप से नियुक्त कोई राज्यपाल केन्द्र की इच्छा के खिलाफ जाएगा।’’

राज्यपाल ने शनिवार को ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि उन्होंने विधानसभा इसलिए भंग की क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इतिहास में उन्हें एक ‘‘बेईमान’’ व्यक्ति के तौर पर याद किया जाए। ग्वालियर में आईटीएम विश्वविद्यालय के दीक्षांत पूर्व अकादमिक सम्मेलन के दौरान मलिक ने कहा, ‘‘दिल्ली की तरफ देखता तो मुझे लोन की सरकार बनानी पड़ती और मैं इतिहास में एक बेईमान आदमी के तौर पर जाना जाता।’’

कार्यक्रम में पत्रकार रवीश कुमार के अपने भाषण में फैक्स मशीन खराब होने का उल्लेख किया था। इसकी ओर इशारा करते हुए मलिक कहा, ‘‘इसलिए मैंने मामला ही खत्म कर दिया। इसके लिए जो भी चाहे मेरी आलोचना कर सकता है लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि मैंने जो किया वह सही किया।’’

महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि राज्यपाल ने ‘‘दिल्ली का आदेश’’ मानने से इनकार कर दिया।

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