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Hindi News भारत राजनीति NPP ने राज्यसभा से नागरिकता विधेयक के पारित होने पर राजग से अलग होने की धमकी दी

NPP ने राज्यसभा से नागरिकता विधेयक के पारित होने पर राजग से अलग होने की धमकी दी

पूर्वोत्तर में नागरिकता विधेयक के बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने धमकी दी है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग से अलग हो जाएगी।

Conrad Kongkal Sangma- India TV Hindi Conrad Kongkal Sangma

शिलांग: पूर्वोत्तर में नागरिकता विधेयक के बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने धमकी दी है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग से अलग हो जाएगी। संगमा ने कहा कि एनपीपी की यहां शनिवार को हुई महासभा में इस आशय का एक प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने बतया कि एनपीपी मेघालय के अलावा अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड की सरकारों को समर्थन दे रही है। महासभा में इन चारों पूर्वोत्तर राज्यों के पार्टी नेता मौजूद थे। 

संगमा ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘पार्टी ने एकमत से एक प्रस्ताव स्वीकार किया है जिसमें नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 का विरोध करने का निर्णय किया गया है। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो एनपीपी राजग के साथ अपना गठबंधन तोड़ देगा।’’ उन्होंने कहा कि यह निर्णय आज महासभा में किया गया। पूर्वोत्तर में इस विधेयक का बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है। यह विधेयक 8 जनवरी को लोकसभा में पारित हो चुका है जबकि मौजूदा बजट सत्र में इस विधेयक को राज्यसभा में रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के चांगसारी में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया कि यह विधेयक उनके हितों को बिल्कुल प्रभावित नहीं करेगा। 

मोदी ने कहा, ‘‘यह पूर्वोत्तर के लोगों से एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा और जांच एवं राज्य सरकारों की सिफारिश के बाद ही नागरिकता दी जाएगी।’’ मोदी ने कहा कि यह समझा जाना चाहिए कि बलपूर्वक देश में घुसे लोगों और ‘‘अपनी आस्था के चलते घर से भागने और अपनी जान बचाने वाले’’ लोगों के बीच फर्क है। ‘‘दोनों एक समान नहीं हैं।’’ एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार ने सबसे पहले इस विधेयक पर सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष रखा और राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले साल आधिकारिक रूप से इस पर एक प्रस्ताव स्वीकार किया था। 

संगमा ने जनवरी में गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के सभी क्षेत्रीय दलों की एक बैठक बुलाई थी जहाँ मिज़ोरम, नगालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों ने इस विवादित विधेयक का विरोध करने के लिए सहमत हुए थे। क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा की मुख्य सहयोगी हैं और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं। इन दलों के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मसले पर दिल्ली में मुलाकात की थी लेकिन प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो पायी थी।

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